भोपाल सायबर क्राइम की बड़ी सफलता: क्रेडिट कार्ड ब्लॉक करने के नाम पर ठगी करने वाला 4 साल से फरार ₹10,000 का इनामी आरोपी दिल्ली से गिरफ्तार

भोपाल, । सायबर क्राइम ब्रांच भोपाल ने क्रेडिट कार्ड ब्लॉक करने का झांसा देकर OTP के ज़रिए लाखों की ठगी करने वाले एक अंतरराज्यीय सायबर अपराध गिरोह के मास्टरमाइंड को आखिरकार दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी पिछले 4 वर्षों से फरार था और उस पर ₹10,000 का इनाम घोषित था।
3.61 लाख रुपये की ठगी: 2020 से फरार था आरोपी
फरियादी डॉ. देवप्रिय शुक्ल निवासी भोपाल ने दिनांक 20 अगस्त 2020 को शिकायत दर्ज कराई थी कि उन्हें 12 अगस्त 2020 को स्टेट बैंक कस्टमर केयर अधिकारी बनकर किसी अज्ञात व्यक्ति का कॉल आया। कॉल करने वाले ने क्रेडिट कार्ड ब्लॉक होने की बात कहकर OTP प्राप्त किया और फरियादी के खाते से कुल ₹3,61,999 की सायबर ठगी कर ली गई।
इस मामले में प्राथमिकी संख्या 39/2021 के तहत धारा 419, 420, 403, 120B IPC व 66D IT ACT के तहत केस दर्ज किया गया था।
ठगी का तरीका – “कस्टमर केयर अधिकारी” बनकर झांसा
जांच में सामने आया कि आरोपी भारतीय स्टेट बैंक के फर्जी कस्टमर केयर अधिकारी बनकर कॉल करता था। वह क्रेडिट कार्ड बंद करने का डर दिखाकर OTP पूछता था और फिर कार्ड से बड़ी रकम निकाल लेता था। इसके बाद पीड़ित का मोबाइल नंबर ब्लॉक कर देता था जिससे वह बैंक या पुलिस से संपर्क न कर सके।
संगठित सायबर ठगों का नेटवर्क – गिरोह का सरगना दिल्ली से गिरफ्तार
सायबर क्राइम ब्रांच भोपाल की टीम ने तकनीकी साक्ष्य और फील्ड इंटेलिजेंस के आधार पर आरोपी सैयद परवेज हाशमी निवासी उत्तम नगर, दिल्ली को ट्रेस किया और वहां दबिश देकर गिरफ्तार कर लिया।
बरामद सामग्री:
3 मोबाइल फोन
4 सिम कार्ड
1 ATM कार्ड
1 Wi-Fi राउटर
सैयद परवेज गिरोह का सरगना था जो दिल्ली से कॉल सेंटर चला रहा था और भोले-भाले लोगों को ठगता था।
पुलिस टीम की सराहनीय भूमिका:
इस महत्वपूर्ण कार्रवाई में निरीक्षक सुनील मेहर, उनि देवेंद्र साहू, प्र.आर. तेजराम सेन, आर. नीलेश साहू, आर. सुरेंद्र लामकुचे, आर. यतिन चौरे समेत सायबर क्राइम थाना भोपाल की टीम ने उत्कृष्ट कार्य किया।
राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर: 1930
निष्कर्ष:
भोपाल साइबर क्राइम पुलिस द्वारा दिल्ली में की गई यह गिरफ्तारी केवल एक आरोपी को पकड़ने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह इस बात का संकेत है कि सायबर ठग अब तकनीकी निगरानी और पुलिस की मुस्तैदी से ज्यादा समय तक नहीं बच सकते। यह कार्रवाई सायबर अपराध पर लगाम लगाने की दिशा में एक बड़ी सफलता मानी जा रही है।