
नई दिल्ली। अनुसूचित जाति के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य ने कहा कि “एक देश में – दो विधान, दो निशान, दो प्रधान नहीं चलेंगे, नहीं चलेंगे” का नारा बुलंद करने वाले जनसंघ के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान के बाद भी धारा 370 समाप्त नहीं की गई थी। डॉ. भीमराव अंबेडकर के विरोध के बावजूद, कांग्रेस ने धारा 370 लगाकर जम्मू-कश्मीर को अलगाववादियों के हवाले कर दिया, जिससे लाखों निर्दोष कश्मीरी पंडितों को अत्याचार सहना पड़ा।
लाल सिंह आर्य ने बताया कि सात दशक बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धारा 370 को समाप्त करके पीड़ित कश्मीरी पंडितों के घावों पर मरहम लगाया। इस कदम ने न केवल डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी और डॉ. अंबेडकर के सपनों को साकार किया, बल्कि जम्मू-कश्मीर में शांति और स्थिरता की नई राह भी प्रशस्त की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस ऐतिहासिक पहल ने जम्मू-कश्मीर में विकास और समृद्धि के नए द्वार खोले हैं, जिससे वहां के निवासियों को एक बेहतर जीवन जीने का अवसर मिला है। आर्य ने इसे एक साहसिक और दूरदर्शी कदम बताया, जो भारत की एकता और अखंडता को मजबूत करता है।