उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था पर बड़ा सवाल: अमेठी से लखनऊ तक पुलिस और प्रशासनिक अफसर हो रहे हमलों का शिकार

लखनऊ/अमेठी/आज़मगढ़/नोएडा।
उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था पर गहरे सवाल खड़े हो रहे हैं, जहां अब आम नागरिक ही नहीं, बल्कि प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस बल भी खुलेआम हमलों का शिकार हो रहे हैं। अमेठी, आज़मगढ़, नोएडा और लखनऊ जैसी प्रमुख जगहों पर हाल के दिनों में जो घटनाएं सामने आई हैं, वे दर्शाती हैं कि राज्य में अपराधियों का हौसला बेलगाम होता जा रहा है।
अमेठी में SDM को गाड़ी से घसीटकर पीटा गया
अमेठी जिले में हुई एक सनसनीखेज घटना में उपजिलाधिकारी (SDM) को एक भीड़ ने गाड़ी से बाहर खींचकर मारपीट की। यह हमला न केवल प्रशासनिक पद की गरिमा के खिलाफ था, बल्कि यह बताता है कि अब जनता में कानून का भय कम होता जा रहा है।
आज़मगढ़ में इंस्पेक्टर पर सरेआम लाठी-डंडों से हमला
आज़मगढ़ से सामने आए वीडियो में देखा गया कि एक पुलिस इंस्पेक्टर को दौड़ा-दौड़ाकर लाठी-डंडों से पीटा गया। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और पुलिस विभाग के भीतर भय का माहौल पैदा कर गया।
नोएडा में सिपाही की गोली मारकर हत्या
गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) में एक पुलिस सिपाही को ड्यूटी के दौरान गोली मार दी गई, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। यह घटना दर्शाती है कि अपराधी अब पुलिस बल के खिलाफ भी सीधे हिंसक हो रहे हैं, वो भी बिना किसी भय के।
लखनऊ में पुलिस चौकी पर हमला, वर्दी तक फाड़ दी गई
राजधानी लखनऊ में अपराधियों का दुस्साहस इतना बढ़ गया कि एक पुलिस चौकी में घुसकर पुलिसकर्मियों की पिटाई की गई और उनकी वर्दी तक फाड़ दी गई। यह घटना उस रामराज्य की असल तस्वीर दिखाती है, जिसका दावा सरकार करती रही है।
यूपी में बिगड़ती कानून व्यवस्था से लोग डरे
इन घटनाओं ने उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या यही वह रामराज्य है जिसकी कल्पना की जाती है, जहां पुलिस और अधिकारी तक सुरक्षित नहीं हैं?
जनता पूछ रही है – क्या अपराधियों का मनोबल अब पुलिस से भी ऊपर है?
राज्य की सरकार जहां “शासन में सख्ती” और “मॉडल लॉ एंड ऑर्डर” की बात करती है, वहीं जमीनी हकीकत में पुलिस को पब्लिक के बीच पीटा जा रहा है, गोली मारी जा रही है और अफसरों को घसीटा जा रहा है।
जरूरत है सख्त कार्यवाही की, नहीं तो अराजकता और गहराएगी
अगर इन घटनाओं पर तुरंत और कठोर कार्रवाई नहीं की गई, तो अपराधियों को और बढ़ावा मिलेगा और आम जनता की सुरक्षा की गारंटी भी सवालों के घेरे में आ जाएगी।