विजय शाह को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, गिरफ्तारी पर रोक; कोर्ट ने कहा – “माफी मंजूर नहीं, मंत्री का आचरण आदर्श नहीं”

नई दिल्ली। मध्यप्रदेश सरकार के वरिष्ठ मंत्री विजय शाह को सुप्रीम कोर्ट से एक बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने फिलहाल उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है, लेकिन इसके साथ ही अदालत ने उनके आचरण को लेकर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि “एक जनप्रतिनिधि का ऐसा आचरण आदर्श नहीं कहा जा सकता। उनके बयान से पूरे देश में नाराजगी फैल गई है।”
हाल ही में विजय शाह का एक विवादित बयान सामने आया था, जिसे लेकर देशभर में तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिली थीं। बयान के बाद कई संगठनों और नागरिकों ने उनकी गिरफ्तारी की मांग उठाई थी। इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा, जहां सुनवाई के दौरान अदालत ने साफ कहा कि मंत्री की माफी स्वीकार नहीं की जा सकती।
सुप्रीम कोर्ट ने दिए एसआईटी गठन के आदेश
इस गंभीर मामले की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने विशेष जांच दल (SIT) के गठन के निर्देश भी दिए हैं। यह एसआईटी तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों की टीम होगी, जो पूरे मामले की गहराई से जांच करेगी। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया है कि जांच में किसी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
क्या है पूरा मामला?
विजय शाह ने हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान ऐसा बयान दिया था जो सामाजिक सौहार्द और राजनीतिक मर्यादा के विपरीत माना गया। इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिससे पूरे देश में राजनीतिक और सामाजिक हलकों में आक्रोश फैल गया। इसके बाद शाह के खिलाफ कई एफआईआर दर्ज हुईं और गिरफ्तारी की आशंका के चलते उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।
अदालत की सख्ती और राजनीतिक हलचल
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाई है, लेकिन कोर्ट की सख्त टिप्पणी ने राजनीतिक गलियारों में नई बहस को जन्म दे दिया है। अदालत ने दो टूक कहा है कि “ऐसे पदों पर बैठे लोगों से जिम्मेदार व्यवहार की उम्मीद की जाती है।”
निष्कर्ष: सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला जहां विजय शाह के लिए राहत लेकर आया है, वहीं कोर्ट की सख्त टिप्पणियों ने यह भी साफ कर दिया है कि लोकतंत्र में जनप्रतिनिधियों को जवाबदेह बनाना अनिवार्य है। अब सबकी नजरें SIT की जांच रिपोर्ट और उसके आगे की कार्रवाई पर टिकी हैं।