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पेंशन के नए नियमों से कैसे हो रही है सरकारी कर्मचारियों की पेंशन में कटौती

भोपाल । सरकारी कर्मचारियों के लिए पेंशन नियमों में बड़े बदलाव किए गए हैं, जिनसे पेंशन की गणना और प्राप्त होने वाली राशि में काफी अंतर आ गया है। इन बदलावों के बारे में जागरूक होना बेहद जरूरी है, क्योंकि यह आपके भविष्य और बुढ़ापे को सीधे तौर पर प्रभावित करता है।

### **क्या है नया पेंशन नियम (UPS)?**
सरकार ने पेंशन के नए नियम UPS (New Pension Scheme) के तहत कर्मचारियों की पेंशन का निर्धारण उनके 12 महीनों के औसत मूल वेतन पर आधारित किया है, न कि अंतिम महीने के वेतन पर।

मान लीजिए कि किसी कर्मचारी का वेतन जनवरी से जून तक ₹70,000 था और जुलाई से दिसंबर तक इंक्रीमेंट के बाद ₹72,000 हो गया।
पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) के अनुसार, इस कर्मचारी की पेंशन की गणना अंतिम वेतन ₹72,000 + DA (जैसे अभी 50% DA है, तो ₹36,000) के आधार पर होती थी, यानी ₹1,08,000 का आधा = ₹54,000 मासिक पेंशन मिलती थी।

लेकिन नए नियम के तहत, 12 महीने के वेतन का औसत निकालकर उसकी पेंशन का निर्धारण किया जाता है:
– 6 महीने का वेतन (जनवरी-जून): ₹70,000 × 6 = ₹4,20,000
– 6 महीने का वेतन (जुलाई-दिसंबर): ₹72,000 × 6 = ₹4,32,000
– 12 महीने का कुल वेतन: ₹8,52,000
– औसत मासिक वेतन: ₹8,52,000 ÷ 12 = ₹71,000

नए पेंशन नियम के अनुसार, इस औसत वेतन का 50% = ₹37,000 मासिक पेंशन निर्धारित की जाएगी।

### **पुरानी और नई पेंशन स्कीम में कितना है अंतर?**
पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) में जहाँ कर्मचारी को ₹54,000 मासिक पेंशन मिलती थी, वहीं नई पेंशन स्कीम (UPS) में केवल ₹37,000 मासिक पेंशन दी जा रही है। इस प्रकार, हर महीने ₹17,000 की पेंशन का अंतर आ रहा है।

**अंशदान भी देना होगा**
इसके अतिरिक्त, UPS के तहत आपको अपने वेतन से 10% अंशदान राशि भी हर महीने कटवानी होगी, जबकि OPS में कोई अंशदान नहीं देना पड़ता था।

सरकार द्वारा लागू किए गए इस नए पेंशन नियम से कर्मचारियों को भारी नुकसान हो रहा है। इस विषय पर ध्यान देना आवश्यक है ताकि आप अपने भविष्य को सुरक्षित रख सकें।

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