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भोपाल में पहला बर्थ वेटिंग रूम शुरू: गर्भवती महिलाओं के लिए बड़ी राहत

भोपाल: मध्य प्रदेश के राजधानी भोपाल में गर्भवती महिलाओं के लिए राहत भरी खबर है। शहर में अब पहला बर्थ वेटिंग रूम शुरू किया गया है, जो दूरस्थ क्षेत्रों की गर्भवती महिलाओं को समय पर प्रसव की सुविधाएं उपलब्ध कराएगा। इस बर्थ वेटिंग रूम का उद्घाटन स्थानीय विधायक भगवानदास सबनानी द्वारा किया गया। इस दौरान क्षेत्रीय पार्षद मृदुला सचान, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. प्रभाकर तिवारी, सिविल सर्जन डॉ. राकेश श्रीवास्तव और स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रीति देवपुजारी सहित बड़ी संख्या में चिकित्सक एवं जनप्रतिनिधि मौजूद थे।

मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने का प्रयास

भोपाल जिला चिकित्सालय में बनाए गए 8 बिस्तरों वाले बर्थ वेटिंग रूम का उद्देश्य मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम करना है। यह सुविधा विशेष रूप से उन गर्भवती महिलाओं के लिए है, जिन्हें प्रसव के समय गंभीर जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है। यहां गर्भवती महिलाओं को 24×7 चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी, जिससे समय पर उपचार और देखभाल सुनिश्चित होगी।

सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर तिवारी ने बताया कि इस बर्थ वेटिंग रूम में नर्सिंग स्टेशन की भी व्यवस्था की गई है। यहां भर्ती महिलाओं को पोषण, आहार, स्तनपान, टीकाकरण और परिवार कल्याण जैसी महत्वपूर्ण जानकारी दी जाएगी, जिससे वे और उनके नवजात शिशु स्वस्थ रह सकें।

किसे मिलेगी बर्थ वेटिंग रूम की सुविधा?

बर्थ वेटिंग रूम में गर्भवती महिलाओं को प्रसव की संभावित तिथि से एक सप्ताह पहले या गर्भावस्था के 37 सप्ताह पूरे होने के बाद भर्ती किया जाएगा। इसमें मुख्य रूप से उन महिलाओं को रखा जाएगा, जो गंभीर जटिलताओं का सामना कर रही हैं, जैसे:

पहले सीजेरियन द्वारा प्रसव होना

गर्भावस्था से प्रेरित उच्च रक्तचाप

गंभीर एनीमिया

हैबिचुअल अबॉर्शन

पूर्व में मृत शिशु का जन्म

मल्टीपैरा

माल प्रेजेंटेशन आदि


इन सभी जटिलताओं को ध्यान में रखते हुए, गर्भवती महिलाओं की समय पर जांच और उचित देखभाल सुनिश्चित की जाएगी।

निशुल्क सेवाएं और उच्चस्तरीय देखभाल

बर्थ वेटिंग रूम में गर्भवती महिलाओं को निशुल्क जांच, भोजन, परिवहन और दवाइयों की सुविधा उपलब्ध होगी। यहां महिलाओं के स्वास्थ्य की नियमित जांच की जाएगी और उनकी सभी आवश्यकताओं का ध्यान रखा जाएगा।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने जानकारी दी कि हाई-रिस्क गर्भवती महिलाओं की पहचान के लिए प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत हर महीने दो बार विशेष शिविरों का आयोजन किया जाता है। इन शिविरों में चिन्हित गर्भवती महिलाओं का फॉलोअप किया जाता है और उन्हें प्रसव से पूर्व बर्थ वेटिंग रूम में भर्ती कराने की व्यवस्था की जाती है।

भोपाल के अन्य अस्पतालों में भी जल्द शुरू होगी यह सुविधा

भोपाल के मुख्य जिला चिकित्सालय में शुरू किए गए बर्थ वेटिंग रूम की सफलता के बाद, इस सुविधा को जल्द ही डॉ. कैलाशनाथ काटजू सिविल अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोलार और सिविल अस्पताल बेरसिया में भी शुरू किया जाएगा। इससे भोपाल और इसके आसपास के क्षेत्रों की गर्भवती महिलाओं को प्रसव के दौरान बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी और मातृ मृत्यु दर में भी कमी आएगी।

मध्य प्रदेश स्वास्थ्य सेवाओं में निरंतर सुधार

इस अवसर पर माननीय विधायक भगवानदास सबनानी ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व और उपमुख्यमंत्री श्री राजेंद्र शुक्ल के मार्गदर्शन में प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं में लगातार सुधार हो रहा है। बर्थ वेटिंग रूम जैसी पहलें मातृ और शिशु स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। उन्होंने कहा, “प्रत्येक मां का जीवन परिवार और समाज दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। मातृ मृत्यु दर में कमी लाने के लिए यह एक सराहनीय प्रयास है।”

भोपाल में शुरू किया गया यह प्रथम बर्थ वेटिंग रूम न केवल गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षा सुनिश्चित करेगा, बल्कि आने वाले समय में पूरे प्रदेश के स्वास्थ्य ढांचे को भी सुदृढ़ करेगा।


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