
भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1970 में एक क्रांतिकारी फैसले में देश के 565 रियासतों के लिए राजाओं की राजभत्ता व्यवस्था को खत्म कर दिया। इस फैसले के तहत, जो 102 रियासतों को वार्षिक 1,00,000 रुपए से अधिक की राशि दी जाती थी, उसे भी समाप्त किया गया। इस निर्णय ने देश में भूखमरी और अकाल के समय में राजाओं के आराम-ऐश के लिए खर्चों को कम करने में मदद की।
इंदिरा गांधी द्वारा यह निर्णय लेने पर विपक्षी पार्टियों ने विरोध जताया और सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे निरस्त करने का आदेश दिया। हालांकि, 1971 में इंदिरा गांधी ने पार्लियामेंट में एक अध्यादेश पारित कर दिया जिससे सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट दिया गया और राजाओं की गद्दी, मुकुट और अहंकार पर विशेषाधिकार समाप्त किए गए।
इस समाप्ति ने इंदिरा गांधी के नेतृत्व में व्यापक परिवर्तन को दर्शाया और उन्हें देश के सामंती व्यवस्थाओं में सुधार करने का सम्मान प्राप्त हुआ।