
अमेठी: मुहर्रम के जुलूस के दौरान “हिंदुस्तान में रहना है तो या हुसैन कहना है” का नारा लगाए जाने का वीडियो वायरल होने के बाद अमेठी पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए कई लोगों को हिरासत में लिया है। पुलिस की यह कार्रवाई सराहनीय है क्योंकि ऐसे नारेबाजों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए जो दूसरों पर अपना अकीदा थोपने का प्रयास करते हैं।
हालांकि, यह सवाल उठता है कि जब इसी देश में “हिंदुस्तान में रहना होगा, जय श्री राम कहना होगा” जैसे नारे लगाए जाते हैं तो पुलिस उन नारेबाजों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं करती? ऐसे नारे लगाने वाले कई बार सांसद और विधायक होते हैं, लेकिन उनके खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया जाता। उदाहरण के लिए, सांसद नवनीत रवि राणा ने भी इसी तरह का नारा संसद में लगाया था, लेकिन लोकसभा अध्यक्ष ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।
इस घटना ने एक बार फिर से भारतीय न्याय व्यवस्था और प्रशासनिक निष्पक्षता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस की कार्रवाई तभी प्रभावी मानी जाएगी जब सभी समान रूप से कानून के दायरे में आएंगे, चाहे वे किसी भी समुदाय या राजनीतिक दल से हों।