भारत का गेमिंग स्वर्णिम युग: 60 बिलियन डॉलर का बाजार, 2 मिलियन नौकरियां और 26 बिलियन डॉलर के आईपीओ बूम की संभावना – विन्जो और आईईआईसी रिपोर्ट

भारत का गेमिंग उद्योग तेज़ी से वैश्विक लीडर बनने की राह पर
सैन फ्रांसिस्को। भारत का गेमिंग उद्योग अगले दशक में स्वर्णिम युग में प्रवेश करने के लिए तैयार है। विन्जो गेम्स (WinZO) और इंटरएक्टिव एंटरटेनमेंट एंड इनोवेशन काउंसिल (IEIC) द्वारा जारी 2025 इंडिया गेमिंग मार्केट रिपोर्ट (IGMR 2025) के अनुसार,
भारत का गेमिंग बाजार 60 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच सकता है।
इससे 2 मिलियन (20 लाख) नई नौकरियां सृजित होंगी।
आईपीओ (IPO) के ज़रिए 26 बिलियन अमेरिकी डॉलर का वैल्यू जनरेट होगा।
रिपोर्ट को गेम डेवलपर्स कॉन्फ्रेंस (GDC) 2025 के इंडिया पैवेलियन में लॉन्च किया गया, जिसे डॉ. श्रीकर रेड्डी (भारत के महावाणिज्यदूत, सैन फ्रांसिस्को), विन्जो के सह-संस्थापक सौम्या सिंह राठौर और पवन नंदा ने प्रस्तुत किया।
भारत का ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर: 2029 तक 9.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचेगा
वर्तमान में, भारत का ऑनलाइन गेमिंग बाजार 3.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर का है, जो वित्त वर्ष 2024-29 के दौरान 19.6% CAGR की दर से बढ़कर 2029 तक 9.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की संभावना है।
इस ग्रोथ से भारतीय गेमिंग कंपनियों को 63 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश मूल्य प्राप्त होने की उम्मीद है।
भारत में गेमिंग सेक्टर के विकास के प्रमुख कारक:
591 मिलियन गेमर्स (जो वैश्विक गेमर्स का 20% हैं)
11.2 बिलियन मोबाइल गेम ऐप डाउनलोड, जो गूगल प्ले स्टोर पर सबसे ज्यादा है
1,900+ गेमिंग कंपनियां, जिनमें 130,000 उच्च कुशल पेशेवर काम कर रहे हैं
3 बिलियन अमेरिकी डॉलर का विदेशी निवेश, जिसमें 85% FDI पे-टू-प्ले गेमिंग सेगमेंट में है
भारत में गेमिंग इंडस्ट्री को सरकार और निवेशकों का समर्थन
भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था के विस्तार और सरकारी नीतियों के समर्थन से गेमिंग उद्योग को तेज़ी से बढ़ने में मदद मिल रही है।
डॉ. श्रीकर रेड्डी ने कहा:
“भारत का गेमिंग और टेक्नोलॉजी उद्योग नई ऊंचाइयों पर जा रहा है। सरकार के डिजिटल पुश और निवेशकों की रुचि से यह उद्योग 25-30 बिलियन अमेरिकी डॉलर का आर्थिक लाभ दे सकता है।”
विन्जो के पवन नंदा ने कहा:
“2029 तक भारत का गेमिंग बाजार 9.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर का होगा और यह निवेशकों के लिए 63 बिलियन अमेरिकी डॉलर की वैल्यू क्रिएट करेगा। यह भारत को गेमिंग इनोवेशन का ग्लोबल सेंटर बना सकता है।”
मेड इन इंडिया गेम्स की वैश्विक पहचान बढ़ी
भारतीय गेमिंग कंपनियां दूसरे देशों में अपने गेम बेच रही हैं और वैश्विक स्तर पर विस्तार कर रही हैं।
इंडिया पैवेलियन @ GDC 2025 में भारतीय गेम डेवलपर्स ने अपने गेम्स दुनिया के सामने पेश किए।
विन्जो की “भारत टेक ट्रायम्फ प्रोग्राम” प्रतियोगिता में विजेताओं को ग्लोबल मंचों पर अपने गेम शोकेस करने का अवसर मिला।
भारत 2029 तक दुनिया का सबसे बड़ा गेमिंग हब बनने की ओर
रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि 2029 तक भारत में 950 मिलियन (95 करोड़) ऑनलाइन गेमर्स होंगे, जिससे यह दुनिया का सबसे बड़ा गेमिंग बाजार बन सकता है।
2034 तक, भारत का गेमिंग बाजार 60 बिलियन अमेरिकी डॉलर का हो सकता है, जिससे विदेशी कंपनियों का निवेश और स्थानीय गेमिंग इंडस्ट्री का विकास होगा।