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यूनियन बैंक ऑफ इंडिया को ईज़ 7.0 सुधार सूचकांक में मिला दूसरा रनर अप स्थान, बैंकिंग सुधारों में फिर रचा इतिहास

मुंबई । भारत सरकार के वित्त मंत्रालय द्वारा संचालित ईज़ (EASE – Enhanced Access and Service Excellence) सुधार एजेंडा के अंतर्गत ईज़ 7.0 सुधार सूचकांक में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए दूसरे रनर अप का प्रतिष्ठित स्थान प्राप्त किया है। इस उल्लेखनीय उपलब्धि के साथ यूनियन बैंक ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के बीच अपनी मजबूती और उत्कृष्ट बैंकिंग नवाचारों को एक बार फिर सिद्ध किया है।

तीन प्रमुख श्रेणियों में शीर्ष प्रदर्शन

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया को केवल समग्र प्रदर्शन के लिए नहीं, बल्कि तीन महत्वपूर्ण विषयों में भी अग्रणी कार्यनिष्पादन के लिए सम्मानित किया गया:

1.  प्रथम स्थान: विकसित भारत की ओर बैंकिंग


2.  प्रथम रनर अप: प्रभावी जोखिम/धोखाधड़ी प्रबंधन, संग्रह और वसूली


3.  प्रथम रनर अप: उभरती बैंकिंग प्राथमिकताओं के लिए कर्मचारियों का विकास



यह सम्मान 03 जुलाई 2025 को मुंबई में भारतीय बैंक संघ (IBA) द्वारा आयोजित कार्यक्रम में वित्तीय सेवा विभाग (DFS), वित्त मंत्रालय के माननीय सचिव श्री एम. नागराजू द्वारा प्रदान किया गया।

ईज़ 7.0: नई पीढ़ी की बैंकिंग के लिए रोडमैप

ईज़ सुधार एजेंडा, भारत सरकार की एक दूरदर्शी पहल है जो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की पहुँच, सेवा गुणवत्ता, तकनीकी दक्षता और जोखिम प्रबंधन को सुदृढ़ करने पर केंद्रित है। ईज़ 7.0 का फोकस विशेष रूप से निम्नलिखित प्राथमिकताओं पर रहा:

विकसित भारत के लिए बैंकिंग समाधान

ग्राहक सेवा में उत्कृष्टता

आधुनिक तकनीक और एआई अपनाने की दिशा में प्रगति

जोखिम और धोखाधड़ी प्रबंधन की दक्षता

कर्मचारियों का रणनीतिक विकास


यूनियन बैंक ऑफ इंडिया को जिन प्रमुख प्रदर्शन क्षेत्रों में उत्कृष्टता के लिए सराहा गया उनमें शामिल हैं:

एआई-अनुकूल नीतियों और गवर्नेंस प्रणाली की प्रभावी उपलब्धता

पूर्व-अपराध चरण में ग्राहक पहचान हेतु एनालिटिक्स ट्रिगर सिस्टम

डिजिटल पोर्टल के माध्यम से कानूनी प्रक्रियाओं की निगरानी

ऑनलाइन ओटीएस (One-Time Settlement) पोर्टल की सशक्त कार्यक्षमता

स्टाफ ऋणों के डिजिटलीकरण की उच्च स्तर की उपलब्धि

शाखा स्तर पर ग्राहक अनुभव ट्रैकिंग तंत्र की प्रभावशीलता


लगातार उत्कृष्टता की परंपरा

पिछले कई वर्षों से यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, ईज़ सुधार सूचकांक में शीर्ष प्रदर्शनकर्ताओं में शामिल होता आया है। यह सफलता इस बात का प्रमाण है कि बैंक ने सुधारों को केवल कागज़ों तक सीमित नहीं रखा, बल्कि उन्हें जमीनी स्तर पर प्रभावी तरीके से लागू किया है।




निष्कर्ष:

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की यह उपलब्धि न केवल बैंकिंग क्षेत्र में इसकी नवाचारात्मक सोच और ग्राहकोन्मुख दृष्टिकोण को दर्शाती है, बल्कि यह भी संकेत देती है कि भारत में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक भी तकनीक, सेवा और पारदर्शिता के मामले में वैश्विक मानकों को छूने की क्षमता रखते हैं।




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