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पंजाब के शंभू स्टेशन पर डटे किसान

पंजाब-जम्मू आने-जाने वाली63 ट्रेन कैंसिल; 62 ट्रेनों के रूट डायवर्ट
अंबाला। किसान आंदोलन के चलते ट्रेन व्यवस्था पूरी तरह से डगमगा गई है। दिल्ली, यूपी और हरियाणा की तरफ से पंजाब और जम्मू की तरफ जाने सभी ज्यादातर ट्रेन प्रभावित हो रही हैं, जिसका खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है। जब से किसानों ने शंभू रेलवे स्टेशन डेरा डाला है, तभी से रेलवे द्वारा ट्रेनों को कैंसिल किया जा रहा है। रेलवे द्वारा जारी लिस्ट के अनुसार आज सोमवार से 2 मई तक भिवानी-धुरी, सिरसा-लुधियाना, हिसार-लुधियाना, लुधियाना-चूरू, अमृतसर-हिसार, श्रीगंगानगर-ऋषिकेश, रोहतक-हांसी समेत 63 ट्रेन कैंसिल रहेंगी।
रेलवे ने 62 ट्रेन डायवर्ट किया है। वहीं 6 शॉर्ट टर्मिनेट व 5 शॉर्ट ओरिजिनेट होंगी। दरअसल, पंजाब जाने वाली ट्रेन जो चंडीगढ़ व जाखल से डायवर्ट होकर जा रही हैं, उन्हें सर्च करने पर भी डायवर्ट नहीं दिखाता, बल्कि अंबाला कैंट से सीधा शंभू या सरहिंद या लुधियाना अथवा राजपुरा ही दिखा रहा है।
4 बार पहले अल्टीमेटम दे चुके किसान
गिरफतार किए गए किसानों की रिहाई के लिए आंदोलनकारी किसान सरकार को पहले भी 4 बार अल्टीमेटम दे चुके हैं। पहले किसानों ने 9 अप्रैल को ट्रेन रोकने का ऐलान किया। 10 अप्रैल को फिर उनकी चंडीगढ़ में हरियाणा और पंजाब सरकार के अधिकारियों के साथ मीटिंग हुई, जिसमें रिहाई का भरोसा मिला। किसानों ने सरकार को 16 अप्रैल तक का समय दिया था, सरकार ने रिहाई नहीं की तो वे ट्रैक पर उतर आए। पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की, जिससे पुलिस-किसानों की धक्कामुक्की हुई। मगर किसानों ने बैरिकेडिंग तोड़ दी और रेलवे ट्रैक पर बैठ गए। इसके बाद 22 अप्रैल को जींद के खटकड़ गांव में महापंचायत बुलाई। उसमें भी 27 अप्रैल तक सरकार को अल्टीमेटम दिया गया था।
नवदीप समेत 3 किसानों की रिहाई की मांग
किसान सरकार से युवा नेता नवदीप सिंह जलबेड़ा समेत 3 किसानों की रिहाई की मांग कर रहे हैं। बता दें कि पुलिस ने पहले अनीश खटकड़ को गिरफ्तार किया था, जो जींद जेल में बंद हैं। 28 मार्च को अंबाला पुलिस ने युवा किसान नेता नवदीप सिंह जलबेड़ा और गुरकीरत सिंह को गिरफ्तार किया। ये दोनों अंबाला सेंट्रल जेल में हैं।

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