
भुवनेश्वर । आंध्र प्रदेश के गोदावरी जिले की एथलीट ज्योतिका श्री डांडी ने पेरिस ओलंपिक के लिए प्रवेश हासिल कर सभी का ध्यान खींचा है। ज्योतिका भारत की ओर से चार गुणा 400 मीटर रिले रेस में क्वालीफाई करने वाली टीम की सदस्य हैं। वह डॉक्टर बनना चाहती थी पर उन्होंने पिता के सपने को पूरा करने खिलाड़ी बनीं। उनके पिता श्रीनिवास राव बॉडी बिल्डर रहे और उन्हें खेलों का शौक था। उन्होंने ही बेटी को खेलों में भाग लेने के लिए प्रेरित किया। श्रीनिवास का सपना अपनी बेटी को ओलंपिक में देखने का था जो तीन महीने से भी कम समय में पूरा हुआ है। ज्योतिका बहामास में आयोजित विश्व रिले में चार गुणा 400 मीटर रिले में ओलंपिक टिकट पक्का हासिल करने वाली भारतीय टीम में शामिल थीं
फेडरेशन कप में भाग लेने के लिए भुवनेश्वर पहुंची ज्योतिका ने कहा, ‘मैंने दसवीं कक्षा में 97 फीसदी अंक हासिल किए थे। जब मैं स्कूल में थी तब मैं वास्तव में एक डॉक्टर बनना चाहती थी। मैंने खेल में रुचि लेने के बाद डॉक्टर बनने के बारे में सोचना छोड़ दिया। उन्होंने कहा, ‘मेरे पिता को लगा कि मुझमें एथलेटिक्स में अच्छा प्रदर्शन करने और ओलंपिक में देश का नाम रोशन करने की प्रतिभा है। उनके त्याग और मुझे एक सफल एथलीट बनाने के जुनून को देखकर मैंने उनके सपनों को पूरा करने का फैसला किया।
इस खिलाड़ी ने कहा, ‘मैंने उन्हें यह नहीं बताया कि मैं डॉक्टर बनना चाहती हूं क्योंकि मैं उन्हें खुश देखना चाहती थी। 2017 तक मुझे खेलों में रुचि नहीं थी पर 2020 के आसपास मैंने रुचि लेना शुरू कर दिया था। ज्योतिका ने कहा, ‘मेरे पिता युवावस्था में बॉडीबिल्डर थे पर परिवार से सहयोग न मिलने के कारण उन्होंने खेल छोड़ दिया। अब वह एक व्यवसायी हैं। उन्हें खेलों में बहुत रुचि है और उन्होंने मुझे बहुत प्रेरित किया और वह चाहते हैं कि मैं ओलंपिक में भाग लूं। ज्योतिका ने कहा, ‘उनकी (पिता) वजह से मुझे ज्यादा संघर्ष नहीं करना पड़ा। वह हर चीज का ख्याल रखते हैं। इसलिए, अब मैं ओलंपिक में अच्छा प्रदर्शन करते देखने का उनका सपना पूरा करना चाहती हूं। ज्योतिका का 400 मीटर में व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 52.73 सेकेंड है।