
खगड़िया (बिहार): बिहार के खगड़िया जिले से मानवाधिकारों और पुलिस प्रणाली पर सवाल खड़े कर देने वाला चौंकाने वाला मामला सामने आया है। दिसंबर 2021 में गोगरी थाना क्षेत्र अंतर्गत एक पहली कक्षा में पढ़ने वाले मासूम छात्र पर छेड़खानी, चोरी और SC-ST एक्ट जैसी गंभीर धाराओं में केस दर्ज कर दिया गया था।
चौंकाने वाली बात यह रही कि बिना उम्र की पुष्टि किए, मामले की जांच कर रहे वरीय पुलिस अधिकारी ने बच्चे की गिरफ्तारी का आदेश भी जारी कर दिया।
यह मामला तब उजागर हुआ जब शिशवा गांव की अनोखा देवी ने खगड़िया के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अमितेश कुमार को एक आवेदन सौंपा। उन्होंने बताया कि फतेहपुर गांव की एक महिला ने उधारी के विवाद में बदले की नीयत से उनके बच्चे पर झूठा केस दर्ज कराया है।
महिला द्वारा दर्ज एफआईआर में छेड़खानी और SC-ST एक्ट की धाराएं जोड़ दी गईं, जिससे मामला गंभीर बन गया।
SP अमितेश कुमार ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल जांच के आदेश दिए थे। लेकिन अब तक जांच की स्थिति और निष्कर्ष सामने नहीं आए हैं, जिससे पीड़ित परिवार में असंतोष और भय का माहौल बना हुआ है।
मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि यदि जांच में यह सिद्ध हो जाता है कि एक मासूम पर जानबूझकर झूठा केस दर्ज किया गया, तो यह बच्चों के अधिकारों का सीधा उल्लंघन है और इसके लिए दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
यह मामला बिहार पुलिस की कार्यप्रणाली, कानूनी प्रक्रिया में लापरवाही, और SC-ST एक्ट के दुरुपयोग पर गंभीर सवाल खड़े करता है।