
28.3 लाख इंजन और 16.7 लाख गियरबॉक्स का उत्पादन सफलतापूर्वक पूरा
चेन्नई, । रेनॉ निसान ऑटोमोटिव इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (RNAIPL) ने अपने चेन्नई स्थित ओरगाडम संयंत्र में 45 लाख पावरट्रेन यूनिट्स के उत्पादन का मील का पत्थर हासिल कर लिया है। इन 45 लाख यूनिट्स में 28.3 लाख इंजन और 16.7 लाख गियरबॉक्स शामिल हैं। इस संयंत्र में उत्पादन की शुरुआत 2010 में हुई थी, और तब से यह रेनॉ और निसान के भारतीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों के लिए वाहनों का निर्माण करता आ रहा है।
अत्याधुनिक इंजन और गियरबॉक्स निर्माण की सुविधाएं
RNAIPL का चेन्नई संयंत्र इंजन निर्माण के लिए सभी आधुनिक सुविधाओं से लैस है। इसमें एल्युमिनियम इनगट्स को पिघलाने से लेकर कास्टिंग शॉप में सिलेंडर हेड और सिलेंडर ब्लॉक बनाने तक की सुविधाएं मौजूद हैं। साथ ही, मशीनिंग और असेंबली शॉप्स के जरिए इंजन पार्ट्स को सटीक आकार में ढाला और तैयार किया जाता है। यहां 800cc से 1500cc तक के इंजन तैयार किए जाते हैं। गियरबॉक्स निर्माण के लिए भी गियर मशीनिंग, शाफ्ट मशीनिंग, क्लच हाउसिंग और गियर हीट ट्रीटमेंट जैसी अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया जाता है।
उत्पादन में उपलब्धियां और निर्यात
RNAIPL ने 2016 में सिर्फ 6 साल में 10 लाख इंजन उत्पादन का आंकड़ा पार किया था। इसके अलावा, निर्यात के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों के EV रिड्यूसर कंपोनेंट्स की 1.6 लाख यूनिट्स का उत्पादन भी किया है।
RNAIPL के मैनेजिंग डायरेक्टर कीर्ति प्रकाश ने कहा, “45 लाख पावरट्रेन यूनिट्स का उत्पादन हमारे लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। हमने अपने चेन्नई संयंत्र से दुनियाभर में पावरट्रेन और अन्य कंपोनेंट्स का निर्यात किया है। रेनॉ-निसान अलायंस के 60 करोड़ डॉलर के निवेश के तहत, हम नए इंजन और गियरबॉक्स निर्माण के लिए अपने इंफ्रास्ट्रक्चर को और मजबूत करेंगे।”
एचआर10 टर्बो इंजन और उन्नत तकनीक
RNAIPL का प्रमुख इंजन, HR10 टर्बो इंजन, अत्याधुनिक मिरर बोर सिलेंडर कोटिंग टेक्नोलॉजी से लैस है। यह वही तकनीक है जिसका उपयोग निसान GT-R जैसी हाई-परफॉर्मेंस स्पोर्ट्स कारों में किया जाता है। इस तकनीक से इंजन के अंदर घर्षण कम होता है, वजन घटता है और हीट मैनेजमेंट बेहतर होता है, जिससे फ्यूल एफिशिएंसी बढ़ती है और स्मूद एक्सलरेशन मिलता है।
गुणवत्ता नियंत्रण में उन्नत तकनीक का उपयोग
पावरट्रेन उत्पादन के दौरान गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए RNAIPL संयंत्र में रोबोटिक विजन कैमरा टेक्नोलॉजी का उपयोग होता है। उत्पादन प्रक्रिया में सिक्वेंशियल प्रोसेस फ्लो अपनाया जाता है, जिससे कोई भी यूनिट अगले चरण में तभी जाती है जब उसकी गुणवत्ता प्रमाणित हो जाती है।
RNAIPL का यह मील का पत्थर भारत के मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में कंपनी की मजबूत पकड़ को दर्शाता है और भविष्य के विकास के प्रति उसके प्रतिबद्ध रुख को रेखांकित करता है।