पाकिस्तान के इस्लामी विद्वान मौलाना तारिक मसूद अपने ही बयानों के जाल में फंस गए हैं। उन पर ईश निंदा का आरोप लगाया गया है, जिसके बाद सजा की मांग उठी। पहले खुद उन्होंने कहा था कि ईश निंदा करने वाले व्यक्ति को माफ नहीं किया जाना चाहिए, लेकिन अब माफी मांगते हुए वो अपने ही बयानों से उलझ गए हैं।
विरोध बढ़ने के बाद मौलाना मसूद अपने घर से फरार हो गए हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने कुरान और पैगंबर मोहम्मद के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। अपने बयान के बाद, जहां पहले उन्होंने अपमान करने वालों को सख्त सजा देने की बात की थी, अब वे खुद माफी मांगने पर मजबूर हैं।
इस बीच, उनका एक वीडियो सामने आया है जिसमें वह माफी मांगते हुए नजर आ रहे हैं। उन्होंने कहा है, “मैं अपने शब्द वापस लेता हूं,” और सभी से अपील की है कि उनके शब्दों को संदर्भ में समझा जाए। मौलाना मसूद, जो देवबंदी विचारधारा के अनुयायी हैं और तब्लीगी जमात से जुड़े हुए हैं, पहले पैगंबर और कुरान के अपमान के मामलों में सख्त सजा की मांग करते थे। अब जब उनकी अपनी जान पर खतरा है, तो वह माफी की बात कर रहे हैं।
पाकिस्तान में उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला जारी है। लोगों का कहना है कि उन्होंने जो कहा, उसके लिए उन्हें सजा मिलनी चाहिए। मौलाना मसूद की यह स्थिति एक महत्वपूर्ण चर्चा का विषय बन गई है, जिसमें धार्मिक और कानूनी दोनों पहलुओं पर ध्यान दिया जा रहा है।