ब्रेकिंग न्यूज़: अमेरिका का बड़ा सैन्य एक्शन, सीरिया में ‘ऑपरेशन हॉकआई स्ट्राइक’ शुरू, ISIS के 70 से ज्यादा ठिकाने तबाह

वाशिंगटन । मध्य-पूर्व में एक बार फिर हालात बेहद तनावपूर्ण हो गए हैं। अमेरिका ने सीरिया में आतंकवादी संगठन ISIS (आईएसआईएस) के खिलाफ बड़ा सैन्य अभियान शुरू करते हुए ‘ऑपरेशन हॉकआई स्ट्राइक’ लॉन्च किया है। इस कार्रवाई के तहत 70 से अधिक ISIS ठिकानों को निशाना बनाया गया है। यह हमला पल्मायरा क्षेत्र में हुए घातक हमले के जवाब में किया गया है, जिसमें 2 अमेरिकी सैनिकों और एक नागरिक की मौत हो गई थी।


पल्मायरा हमले के बाद अमेरिकी जवाबी कार्रवाई
अमेरिकी रक्षा अधिकारियों के मुताबिक, कुछ दिन पहले सीरिया के ऐतिहासिक शहर पल्मायरा के पास ISIS द्वारा किए गए हमले में अमेरिकी सेना को भारी नुकसान उठाना पड़ा था। इस हमले में दो अमेरिकी सैनिकों के साथ एक नागरिक की जान चली गई थी। इसके बाद अमेरिकी प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया था कि आतंकवाद के खिलाफ कड़ा और निर्णायक जवाब दिया जाएगा।


ऑपरेशन हॉकआई स्ट्राइक में क्या-क्या निशाना बना
इस विशेष सैन्य अभियान के तहत अमेरिकी सेना ने ISIS के प्रशिक्षण शिविरों, हथियार डिपो, कमांड सेंटर और रसद (लॉजिस्टिक) ठिकानों पर सटीक हमले किए। हमलों में लड़ाकू विमानों (फाइटर जेट्स) और अटैक हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल किया गया, जिससे ISIS के बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा है। अमेरिकी सैन्य सूत्रों का दावा है कि इस ऑपरेशन में ISIS की परिचालन क्षमता को गंभीर रूप से कमजोर किया गया है और कई अहम ठिकाने पूरी तरह तबाह हो गए हैं।


आतंकवाद के खिलाफ अमेरिका का सख्त संदेश
अमेरिकी रक्षा विभाग (पेंटागन) ने बयान जारी कर कहा कि यह कार्रवाई आत्मरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने के लिए जरूरी थी। अमेरिका ने साफ किया है कि हम अपने सैनिकों और नागरिकों पर किसी भी हमले का मुंहतोड़ जवाब देंगे और ISIS को दोबारा सिर उठाने का मौका नहीं देंगे।


क्षेत्रीय हालात पर बढ़ी चिंता
इस बड़े सैन्य अभियान के बाद सीरिया और आसपास के इलाकों में सुरक्षा अलर्ट बढ़ा दिया गया है। अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों का मानना है कि इस कार्रवाई से ISIS को तात्कालिक झटका जरूर लगेगा, लेकिन इससे क्षेत्रीय तनाव और बढ़ सकता है।


निष्कर्ष
ऑपरेशन हॉकआई स्ट्राइक के जरिए अमेरिका ने एक बार फिर यह साफ कर दिया है कि वह ISIS के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति पर कायम है। पल्मायरा हमले के बाद की गई यह जवाबी कार्रवाई आने वाले दिनों में मध्य-पूर्व की राजनीति और सुरक्षा समीकरणों पर गहरा असर डाल सकती है।

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