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पर्यूषण पर्व में त्याग धर्म की आराधना, आत्मा को पावन बनाता है त्याग: आचार्य विनम्र सागर महाराज

भोपाल: राजधानी के जैन मंदिरों में पर्यूषण पर्व के दौरान आज त्याग धर्म की विशेष आराधना की गई। इस अवसर पर आचार्य विनम्र सागर महाराज ने नंदीश्वर जिनालय में उपदेश देते हुए कहा कि त्याग धर्म आत्मा को निर्मल और पावन बनाता है। उन्होंने कहा कि त्याग से जीवन में नव निर्माण होता है, और प्रकृति भी हमें त्याग का संदेश देती है। जो वस्तुएं और बातें हमें अधिक प्रिय होती हैं, उनका त्याग पहले करना चाहिए, क्योंकि इससे दूसरों का कल्याण और परोपकार होता है।

शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर, जैन नगर में भी भक्ति भाव के साथ त्याग धर्म की आराधना की गई। मंदिर प्रवक्ता इंजीनियर सौरभ जैन ने बताया कि भगवान शांतिनाथ का अभिषेक और विश्व शांति की कामना के साथ विशेष शांति धारा की गई। साथ ही प्रतिदिन णमोकार महामंत्र का जाप भी हो रहा है, जिसमें श्रद्धालुओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।

इस अवसर पर श्री शांति नाथ विधान में अर्घ्य अर्पित करने के लिए अजय ज्योतिषी, निर्मल जैन, टीआई निखिल जैन, विनोद जैन, सुनील पब्लिशर, सुरेश मसला, नरेंद्र बंदना, मनोहर लाल मस्साब, पदम जीनेश, प्रेम संदीप सहित कई श्रद्धालु उपस्थित थे।

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