SC-ST एक्ट और गैंगरेप का झूठा मामला दर्ज कराने पर युवती को 7 साल की सजा, कोर्ट ने कहा – न्याय को किया गुमराह

बाराबंकी (उत्तर प्रदेश)। SC-ST एक्ट और गैंगरेप जैसे गंभीर आरोपों में झूठा मुकदमा दर्ज कराना अब भारी पड़ गया है। बाराबंकी जिले के जैदपुर क्षेत्र की रहने वाली रेखा देवी को SC/ST विशेष न्यायालय ने 7 वर्ष की सश्रम कारावास और ₹2 लाख 1 हजार के जुर्माने की सजा सुनाई है।
यह मामला समाज में न्याय के नाम पर झूठे आरोप लगाने की खतरनाक प्रवृत्ति को उजागर करता है। विशेष न्यायाधीश ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि ऐसे कृत्य न्यायपालिका को गुमराह करने और निर्दोषों को झूठे मामलों में फंसाने के लिए किए जाते हैं, जो समाज के लिए अत्यंत घातक हैं।
❖ क्या था मामला?
बाराबंकी जिले के जैदपुर थाना क्षेत्र में वर्ष 2018 में युवती रेखा देवी ने कुछ लोगों पर गैंगरेप और SC-ST एक्ट के तहत गंभीर धाराओं में केस दर्ज कराया था। प्रारंभ में पुलिस ने मामला दर्ज कर विवेचना शुरू की, लेकिन जांच में घटना के कोई साक्ष्य नहीं मिले, और सभी आरोप निराधार साबित हुए।
जांच में खुला फर्जीवाड़ा
पुलिस विवेचना में यह सामने आया कि शिकायतकर्ता ने निजी रंजिश में यह मुकदमा गढ़ा था। न्यायालय में प्रस्तुत गवाहों, मेडिकल रिपोर्ट और परिस्थितिजन्य साक्ष्यों से यह सिद्ध हो गया कि घटना पूरी तरह मनगढंत और दुर्भावनापूर्ण इरादे से दर्ज कराई गई थी।
न्यायालय की सख्त टिप्पणी
SC-ST विशेष न्यायाधीश ने अपने फैसले में कहा कि “ऐसे झूठे मुकदमे न केवल निर्दोष लोगों की सामाजिक प्रतिष्ठा को नष्ट करते हैं, बल्कि कानून की विश्वसनीयता को भी चोट पहुँचाते हैं। SC-ST एक्ट जैसे कानून की पवित्रता बनाए रखना सभी की जिम्मेदारी है।”
दोषियों के खिलाफ मिसाल बनेगा फैसला
यह निर्णय समाज को यह स्पष्ट संदेश देता है कि यदि कोई व्यक्ति SC-ST कानून जैसे सशक्त विधानों का दुरुपयोग करेगा, तो उसे भी कानून के कठोर प्रावधानों का सामना करना पड़ेगा।