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एनएचआरसी के समन की अनदेखी,  कलेक्टर और आबकारी आयुक्त की बढ़ सकती हैं मुश्किलें

भोपाल। राजधानी की अरेरा कॉलोनी में चल रही सोम ग्रुप की अवैध शराब दुकान मामले मेंराष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग  ने  समन पर कलेक्टर ओर जिला आबकारी आयुक्त नहीं पहुंचे । जिसके चलते प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। कांग्रेस प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी ने इसे शराब माफिया और शासन की मिलीभगत करार देते हुए बड़ी कार्रवाई की मांग की है। दो माह पहले 28 जुलाई को आयोग के सदस्य प्रियांक कानूनगो की पीठ ने इस मामले में मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम 1993 के तहत संज्ञान लेते हुए जिला प्रशासन को 15 दिनों में कार्रवाई प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था। इसके बावजूद 19 अगस्त को भेजे गए स्मरण पत्र के बाद भी  प्रशासन द्वारा आवश्यक रिपोर्ट नहीं दी गई। आयोग ने 3 अक्टूबर को दोनों अधिकारियों को दिल्ली स्थित कार्यालय में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया था, मगर वे अनुपस्थित रहे।
रहवासियों और कांग्रेस ने खोली जाँच रिपोर्ट की पोल
शिकायतकर्ता विवेक त्रिपाठी और लवनिश भाटी ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने खानापूर्ति के लिए असत्य प्रतिवेदन भेजा, जिसमें रहवासियों के बयान तक नहीं लिए गए। उनका कहना है कि यह सिर्फ एक दुकान नहीं बल्कि शासन और शराब माफ़िया की मिलीभगत का उदाहरण है। रहवासी  सुनीता शर्मा  ने कहा कि मंदिर और हॉस्पिटल के पास शराब दुकान महिलाओं-बच्चों की सुरक्षा के साथ मज़ाक है।डॉ. अनुश्री गुप्ता ने कहा कि  राजधानी में जब शराब माफिया इतना हावी है, तो ग्रामीण क्षेत्र की हालत का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।
कांग्रेस ने दी सड़कों पर उतरने की चेतावनी
विवेक त्रिपाठी ने कहा कि यह विडंबना है कि जहाँ मुख्यमंत्री वैदिक संस्कृति के संरक्षण की बात करते हैं, वहीं आर्य समाज मंदिर के सामने शराब दुकान चल रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने तुरंत अवैध दुकान बंद नहीं की और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो कांग्रेस सड़कों पर उतरकर तालाबंदी करेगी।

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