भोपाल। मध्यप्रदेश शासन ने सरकारी कर्मचारियों के वेतन संबंधित डाटा के परीक्षण और सत्यापन को लेकर सख्ती बढ़ा दी है। अस्थाई और नियमित कर्मचारियों के डाटा का परीक्षण अब वित्तीय इंटेलिजेंस सेल (Financial Intelligence Cell) द्वारा आईएफएमआईएस (IFMIS) सॉफ्टवेयर के माध्यम से नियमित रूप से किया जा रहा है।
डाटा सत्यापन की जिम्मेदारी कोषालय अधिकारियों पर
कोषायुक्त कार्यालय द्वारा सभी कोषालयों और निकासी-वितरण अधिकारियों (DDO) को स्पष्ट निर्देश जारी किए गए हैं कि वे कर्मचारियों के वेतन आहरण की प्रक्रिया और डाटा को 15 दिनों के भीतर प्रमाणित कर रिपोर्ट करें। यह सत्यापन राज्य के वित्तीय अनुशासन को मजबूत करने की दिशा में उठाया गया कदम है।
50 हजार कर्मचारियों के कोड का परीक्षण
वित्तीय इंटेलिजेंस सेल द्वारा हाल ही में ऐसे लगभग 50,000 कर्मचारियों के डेटा का विश्लेषण किया गया, जिनका चार माह से वेतन आहरण नहीं हुआ है, जबकि उनके कर्मचारी कोड मौजूद हैं। इस स्थिति ने डाटा की सटीकता और पारदर्शिता को लेकर सवाल खड़े किए हैं।
दिसंबर 2024 डाटा परीक्षण में सामने आई विसंगतियां
दिसंबर 2024 में हुए डाटा परीक्षण से पता चला कि कुछ कर्मचारियों को कर्मचारी कोड आवंटित किए जा चुके हैं, लेकिन उनके रिकॉर्ड में सेवानिवृत्ति तिथि दर्ज नहीं है, और वेतन आहरण की प्रक्रिया भी आईएफएमआईएस पर अपूर्ण है। इससे अंदेशा है कि डाटा रिकॉर्ड में अनियमितताएं हो सकती हैं।
कार्रवाई का तंत्र और समयसीमा
कोषायुक्त कार्यालय ने सभी अधिकारियों से कहा है कि वे अपने अधीनस्थ DDO से स्पष्टीकरण लें कि संबंधित कर्मचारियों का वेतन किस कारण से आहरित नहीं किया जा रहा है। यदि कोई त्रुटि या फर्जीवाड़ा सामने आता है तो उसकी रिपोर्ट तत्काल संभागीय संयुक्त संचालक को भेजनी होगी।