कमेटी के कारोबार ने ली दो मासूम बच्चों के माता-पिता की जिंदगी**
**सहारनपुर।** शहर के प्रतिष्ठित सर्राफ सौरभ बब्बर और उनकी पत्नी मोना ने कर्ज के भारी बोझ तले दबकर अपनी जान दे दी। इस दुखद घटना के पीछे का कारण अब सामने आया है—दंपत्ति 10 करोड़ रुपये के कर्ज में डूबे हुए थे, जिसे वह चुकाने में असमर्थ हो गए थे। सौरभ ने यह कर्ज अपने ‘कमेटी’ के कारोबार में लगाया था, जिसमें उन्हें भारी नुकसान झेलना पड़ा।
**कर्ज के बोझ से टूटे, उधारदाताओं से तंग आकर उठाया कदम**
जानकारी के मुताबिक, सौरभ बब्बर ने कई लोगों से उधार लिया था, जो मोटे ब्याज पर पैसा वसूल रहे थे। इस वित्तीय दबाव ने उन्हें और उनकी पत्नी को आत्महत्या के लिए मजबूर कर दिया। जिनसे पैसा उधार लिया गया था, उनमें से कुछ लोग भाग गए जबकि कुछ दिवालिया हो गए, जिससे सौरभ की वित्तीय स्थिति और भी बिगड़ गई।
**मासूम बच्चों का भविष्य अंधकारमय**
इस घटना के बाद सबसे बड़ा सवाल उठता है कि अब उनके 12 साल की बेटी श्रद्धा और 10 साल के दिव्यांग बेटे संयम का क्या होगा? दोनों मासूम बच्चों के माता-पिता को कर्ज के दलदल ने निगल लिया, और अब उनके भविष्य पर सवालिया निशान लग गया है।
**अवैध ब्याज वसूली पर कार्रवाई की मांग**
स्थानीय लोगों और परिजनों का कहना है कि उन लोगों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, जो गैरकानूनी रूप से ब्याज वसूल रहे थे और इस त्रासदी के पीछे जिम्मेदार हैं। इस घटना ने सहारनपुर के व्यापारिक समुदाय में हड़कंप मचा दिया है, और लोग अब अवैध ब्याज वसूली पर रोक लगाने की मांग कर रहे हैं।