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एम्स भोपाल के प्रो. सुनील चौहान ने यूपीयूपीएमएस सैफई में ‘एच रिफ्लेक्स’ तकनीक पर दिया व्याख्यान, न्यूरोमस्कुलर विकारों के निदान में उपयोगिता पर डाला प्रकाश

भोपाल । । चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान को बढ़ावा देने की दिशा में एम्स भोपाल निरंतर अग्रसर है। इसी क्रम में, एम्स भोपाल के शरीर क्रिया विज्ञान विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर (डॉ.) सुनील चौहान ने उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय (UPUMS Saifai, Etawah) में आयोजित “UPUMS2025” शैक्षणिक कार्यक्रम में “एच रिफ्लेक्स (H-Reflex)” विषय पर एक महत्वपूर्ण अतिथि व्याख्यान दिया।

यह विषय आज के दौर में न्यूरोमस्कुलर विकारों के निदान, नर्वस सिस्टम की कार्यप्रणाली की वैज्ञानिक जांच, और नर्व कंडक्शन स्टडीज में एक अनिवार्य उपकरण के रूप में उभर रहा है।

एच रिफ्लेक्स: न्यूरोफिजियोलॉजी की दिशा में एक बड़ा कदम

एच रिफ्लेक्स तकनीक एक ऐसी विधि है, जो डॉक्टरों को मांसपेशियों और नसों के आपसी समन्वय को समझने में सहायता करती है। यह तकनीक विशेष रूप से जटिल न्यूरोमस्कुलर रोगों के शुरुआती निदान में बेहद कारगर सिद्ध हो रही है।

अपने व्याख्यान में प्रो. सुनील चौहान ने छात्रों, फैकल्टी मेंबर्स और सीनियर रेजिडेंट्स को इस तकनीक की वैज्ञानिक व्याख्या, इसके क्लिनिकल एप्लीकेशन, और नवीनतम अनुसंधान प्रगति के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने यह भी साझा किया कि किस प्रकार यह तकनीक नर्व कंडक्शन स्टडीज के साथ मिलकर मेडिकल परीक्षणों को और अधिक सटीक बनाती है।

एम्स भोपाल का शैक्षणिक योगदान और नेतृत्व

एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह के मार्गदर्शन में संस्थान न केवल उन्नत चिकित्सा सेवाएं प्रदान कर रहा है, बल्कि देशभर में शैक्षणिक आदान-प्रदान और मेडिकल साइंस में इनोवेशन को भी प्रोत्साहित कर रहा है।

इस व्याख्यान में एम्स भोपाल की शरीर क्रिया विज्ञान टीम के सदस्य भी सम्मिलित हुए, जिनमें प्रमुख नाम हैं:

प्रो. (डॉ.) कीर्ति जायसवाल

डॉ. एस. भूनिया

श्री ए.एन.जी. हैदर

डॉ. प्रवेश जायसवाल

डॉ. अमिता सिंह

सीनियर रेजिडेंट्स व पोस्टग्रेजुएट छात्रगण

युवाओं को रिसर्च और नवाचार की ओर प्रेरित करता व्याख्यान

प्रो. चौहान ने अपने व्याख्यान में युवाओं को आधुनिक चिकित्सा अनुसंधान तकनीकों को अपनाने और नवाचार के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि आज के दौर में वैज्ञानिक सोच और तकनीकी दक्षता ही किसी डॉक्टर को उत्कृष्ट चिकित्सक बनाती है।

कार्यक्रम के समापन पर UPUMS शरीर क्रिया विज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो. (डॉ.) अमित कांत सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए व्याख्यान की सराहना की। उन्होंने कहा, “न्यूरोफिजियोलॉजी में नवीन तकनीकों की जानकारी छात्रों और शिक्षकों दोनों के लिए अत्यंत आवश्यक है। एम्स भोपाल का यह सहयोग सराहनीय है।”

संवाद और सहयोग से बढ़ता है ज्ञान: प्रो. अजय सिंह

इस अवसर पर एम्स भोपाल के निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने कहा, “ऐसे वैज्ञानिक संवाद और विशेषज्ञ व्याख्यान न केवल मेडिकल छात्रों के दृष्टिकोण को वैज्ञानिक बनाते हैं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता को भी सुदृढ़ करते हैं। प्रो. सुनील चौहान का व्याख्यान इसका एक उत्तम उदाहरण है।”

निष्कर्ष: चिकित्सा अनुसंधान में ‘एच रिफ्लेक्स’ जैसे टूल्स की बढ़ती प्रासंगिकता

एच रिफ्लेक्स तकनीक जैसे उन्नत न्यूरोलॉजिकल टूल्स न केवल जटिल रोगों के निदान को सरल बना रहे हैं, बल्कि देशभर के चिकित्सा संस्थानों में अनुसंधान और उपचार के स्तर को ऊंचा उठा रहे हैं। इस दिशा में एम्स भोपाल जैसे संस्थानों का योगदान प्रेरणादायक है।

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