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एमसीयू ने धूमधाम से मनाया स्थापना दिवस, कुलगुरु प्रो. डॉ. के.जी. सुरेश बोले- 34 वर्ष संघर्ष की यात्रा रही

भोपाल:** माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय (एमसीयू) ने अपने 34वें स्थापना दिवस को हर्षोल्लास के साथ मनाया। यह आयोजन माखनपुरम परिसर, बिशनखेड़ी में संपन्न हुआ। समारोह में विश्वविद्यालय के पहले कुलसचिव और वर्तमान में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र, नई दिल्ली के सदस्य सचिव, डॉ. सच्चिदानंद जोशी ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। इस दौरान, विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. डॉ. के.जी. सुरेश ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।

समारोह की शुरुआत में पौधारोपण किया गया, जिसके बाद कंप्यूटर अनुप्रयोग विभाग के नए सभागार, श्रीनिवास रामानुजन का शुभारंभ किया गया। इसके साथ ही, गणेश शंकर विद्यार्थी सभागार में *विकल्प*, *मीडिया मीमांसा* और *एपीआर* के जर्नल का विमोचन किया गया। समारोह के पूर्व, भारत रत्न डॉ. भीमराव आंबेडकर ट्रॉजिट हॉस्टल में बाबा साहेब के छायाचित्र का अनावरण भी किया गया।

**34 साल का सफर- संघर्ष की कहानी** 
मुख्य कार्यक्रम में बोलते हुए कुलगुरु प्रो. डॉ. सुरेश ने विश्वविद्यालय की 34 साल की यात्रा को संघर्ष की यात्रा बताया। उन्होंने कहा कि 1990 में जब विश्वविद्यालय की स्थापना हुई, तब केवल दो कमरे थे। लेकिन आज, दादा माखनलाल की पुण्याई से, विश्वविद्यालय का भव्य माखनपुरम परिसर है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने 16 अगस्त 1990 को एमसीयू को मान्यता दी थी, इसलिए 16 अगस्त को स्थापना दिवस मनाया जाता है। वर्तमान में, विश्वविद्यालय के 1600 अध्ययन केंद्रों और पांच परिसरों में डेढ़ लाख से अधिक विद्यार्थी अध्ययन कर रहे हैं। उन्होंने कंप्यूटर शिक्षा को गांव-गांव तक पहुंचाने के लिए विश्वविद्यालय के नवाचारों की भी सराहना की।

**डॉ. सच्चिदानंद जोशी का भावनात्मक संबोधन** 
मुख्य अतिथि डॉ. सच्चिदानंद जोशी ने इस अवसर को भावनात्मक बताया और विश्वविद्यालय के साथ अपने नाभि-नाल संबंध का जिक्र किया। उन्होंने कहा, “माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय मेरा मायका है।” उन्होंने विश्वविद्यालय की समय पर परीक्षा और परिणाम देने की प्रशंसा की और विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे इस गौरवशाली इतिहास को आगे बढ़ाएं। डॉ. जोशी ने ‘विकसित भारत 2047: उत्तर सत्य और मीडिया की भूमिका’ पर सारगर्भित व्याख्यान भी दिया। उन्होंने कहा कि मीडिया के नाम पर कुछ लोग अनर्गल आख्यान पैदा कर देश का माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं, जिनसे समाज को सावधान रहना चाहिए।

इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन हुआ, जिसने सभी का मन मोह लिया। कार्यक्रम में बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. एस.के. जैन, फीस विनियामक आयोग के अध्यक्ष डॉ. रविंद्र कण्हेरे, बाबा साहब अंबेडकर विश्वविद्यालय, लखनऊ के पूर्व कुलाधिपति डॉ. बरतुनिया, समाजसेवी श्री हेमंत मुक्तिबोध, विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. डॉ. अविनाश वाजपेयी, सभी विभागों के प्रमुख, शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी और विद्यार्थी उपस्थित थे।

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