मध्यप्रदेश के वन विभाग में अधिकारियों की पदस्थापना में बड़ा फेरबदल, 29 वनक्षेत्रपालों को प्रमोशन
भोपाल । मध्यप्रदेश सरकार ने वन विभाग के 29 अधिकारियों को प्रमोशन देकर नए पदों पर कार्यभार सौंपा है। इन अधिकारियों को उच्च पद पर अस्थायी रूप से प्रभारी सहायक वन संरक्षक के रूप में नियुक्त किया गया है। इस आदेश को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है और यह आगामी आदेश तक मान्य रहेगा।
### नए पदस्थापना आदेश के तहत जिन अधिकारियों को प्रमोशन मिला है, उनमें प्रमुख नाम इस प्रकार हैं:
1. **श्री हृदयलाल सिंह** – पूर्व में देलाखाडी (छिंदवाड़ा) के परिक्षेत्र अधिकारी थे, अब उन्हें प्रभारी उप वन मंडल अधिकारी, मउगंज (रीवा) के पद पर तैनात किया गया है।
2. **श्री हेमेन्द्र सिंह सोलंकी** – पूर्व में धवली (सेंधवा) के परिक्षेत्र अधिकारी थे, अब उन्हें लांजी (बालाघाट) के प्रभारी उप वन मंडल अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया है।
3. **श्री कुलदीप राजौदिया** – बैतूल (उत्पादन) के परिक्षेत्र अधिकारी के रूप में कार्यरत थे, अब उन्हें भौरा (बैतूल) के प्रभारी उप वन मंडल अधिकारी बनाया गया है।
4. **श्री धरमसिंह सोलंकी** – भोपाल (पर्यावरण वानिकी) से सतना के टाईगर स्ट्राइक फोर्स के प्रभारी बनाए गए हैं।
5. **श्री योगेश चौहान** – मुरैना के सबलगढ़ में प्रभारी उप वन मंडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं।
इसके अलावा, अन्य अधिकारियों को भी विभिन्न पदों पर तैनात किया गया है, जैसे कि श्री अमित खन्ना, श्री कालीराम उइके, श्री सुनील कुमार अशोक, श्री मुकेश कुमार मरावी, श्री माधवराव उइके, और श्री इन्दरसिंह बारे को उनकी वर्तमान जिम्मेदारियों से हटाकर नए पदों पर कार्यभार सौंपा गया है।
### महिला अधिकारियों को भी नई जिम्मेदारियां:
– **श्रीमती शोभना वर्मा (कोरी)** को ग्वालियर के सामाजिक वानिकी वृत्त से बंडा (सागर) के प्रभारी उप वन मंडल अधिकारी के पद पर स्थानांतरित किया गया है।
– **कु. मनीषा बाघाडे** और **श्रीमती विनीता जाटव** को भी प्रमुख पदों पर नियुक्त किया गया है।
### आदेश का पालन तत्काल प्रभाव से होगा:
वन विभाग के आदेशानुसार, यह पदस्थापनाएं तत्काल प्रभाव से लागू होंगी और इनका उद्देश्य वन विभाग की कार्यकुशलता बढ़ाना है। यदि आवश्यक हुआ, तो इन आदेशों को बिना पूर्व सूचना के रद्द भी किया जा सकता है।
इस फेरबदल से वन विभाग के कार्यों में तेजी लाने और प्रदेश के वन क्षेत्रों में बेहतर प्रबंधन की उम्मीद की जा रही है।
**(नोट: यह आदेश मध्यप्रदेश सरकार के वन विभाग की ओर से जारी किया गया है और इसे किसी भी समय निरस्त किया जा सकता है।)**