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खंडवा में वन कर्मचारियों पर हमले का मामला गरमाया, मध्यप्रदेश वन कर्मचारी मंच ने की रासुका की मांग

भोपाल। खंडवा जिले के गुढ़ी वन परिक्षेत्र के आमा खुजरी इलाके में वन माफियाओं द्वारा वन कर्मचारियों पर हुए जानलेवा हमले ने राज्यभर में आक्रोश पैदा कर दिया है। इस घटना को लेकर मध्यप्रदेश वन कर्मचारी मंच ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी और रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) के तहत कार्रवाई की मांग की है।

वन कर्मचारी मंच के प्रांताध्यक्ष अशोक पांडे द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि अतिक्रमण और अवैध गतिविधियों में लिप्त वन माफिया ने कार्रवाई का विरोध करते हुए वन कर्मचारियों पर प्राणघातक हमला किया, जिसमें कई कर्मचारी गंभीर रूप से घायल हो गए।

थाने में रिपोर्ट दर्ज, फिर भी आरोपी फरार:

घटना की रिपोर्ट खलावा थाना में दर्ज की जा चुकी है, लेकिन अब तक किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है, जिससे पूरे विभाग में आक्रोश और दहशत का माहौल बना हुआ है।

मुख्यमंत्री से तीन प्रमुख मांगें:

1. हमलावर आरोपियों को शीघ्र गिरफ्तार किया जाए।


2. उनके खिलाफ रासुका (NSA) के तहत कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए।


3. वन कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए ठोस नीति और सुरक्षा प्रावधान लागू किए जाएं।



वनकर्मियों में भय का माहौल:

मंच का कहना है कि जब तक दोषियों को सख्त सजा नहीं मिलेगी, तब तक वन विभाग के कर्मचारी जंगल क्षेत्रों में असुरक्षित महसूस करते रहेंगे। इस हमले को सिर्फ कर्मचारियों पर नहीं बल्कि प्राकृतिक संसाधनों और कानून व्यवस्था पर सीधा हमला माना जाना चाहिए।

निष्कर्ष:

मध्यप्रदेश में वन माफियाओं के बढ़ते दुस्साहस और वन अधिकारियों पर हिंसक हमलों को देखते हुए अब वक्त आ गया है कि राज्य सरकार सख्त कदम उठाए।
वन विभाग के कर्मचारी पर्यावरण और जंगलों की रक्षा की पहली पंक्ति में खड़े होते हैं, और उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की है।
यदि उन्हें खुली छूट नहीं दी जाएगी और हमलावरों पर कठोर कार्यवाही नहीं की गई, तो यह आने वाले समय में वन अपराधों को और बढ़ावा देगा।

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