भोपाल: पुलिस कांस्टेबल भर्ती में बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर, 22 उम्मीदवारों पर FIR, सॉल्वर और आधार वेंडर भी आरोपी

भोपाल, ।  मध्यप्रदेश में पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा 2023-24 में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। आईजी लॉ एंड ऑर्डर अंशुमान सिंह ने जानकारी दी कि अब तक 21 मामलों में 22 उम्मीदवारों के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज की जा चुकी है। फर्जीवाड़े में सॉल्वर गैंग और आधार कार्ड वेंडरों की मिलीभगत सामने आई है। हालांकि अब तक किसी भी सरकारी विभाग या कर्मचारी की संलिप्तता की पुष्टि नहीं हुई है।

इन जिलों में दर्ज हुई एफआईआर:

मुरैना – 7 केस

शिवपुरी – 6 केस

श्योपुर – 2 केस

इंदौर, दतिया, ग्वालियर, अलीराजपुर, राजगढ़, शहडोल – 1-1 केस


इन सभी मामलों में फर्जी तरीके से परीक्षा में बैठने वाले सॉल्वर की भूमिका सामने आई है। एक आरोपी व्यक्ति ने एक से ज्यादा उम्मीदवारों के लिए परीक्षा में सॉल्वर के रूप में बैठकर धोखाधड़ी की।

फर्जीवाड़े का तरीका:

पुलिस जांच के अनुसार, आधार कार्ड में बायोमेट्रिक अपडेट कर सॉल्वर को असली उम्मीदवार के रूप में पेश किया गया। उम्मीदवार की जगह किसी और ने परीक्षा दी और मेरिट में चयन भी हुआ।

यह फर्जीवाड़ा चयन शाखा की निगरानी जांच में उजागर हुआ, जहां दस्तावेजों की बारीकी से जांच के दौरान गड़बड़ियां सामने आईं। भर्ती प्रक्रिया में आने वाले उम्मीदवारों की बैकग्राउंड और बायोमेट्रिक सत्यापन अब तेजी से किया जा रहा है।


CBI जांच की मांग को PHQ ने किया खारिज:

पुलिस मुख्यालय (PHQ) ने स्पष्ट किया है कि इस मामले में CBI जांच की आवश्यकता नहीं है।
IG अंशुमान सिंह ने कहा कि”पुलिस की सतर्कता और चयन शाखा की मॉनिटरिंग की वजह से फर्जीवाड़े का समय रहते खुलासा हुआ। हर पहलू पर गहनता से जांच की जा रही है। इसलिए SIT गठन की भी जरूरत नहीं है।”

मुख्यमंत्री के निर्देश पर जांच तेज:

मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि किसी भी दोषी को बख्शा न जाए। चयन शाखा द्वारा डे-टू-डे आधार पर जांच की मॉनिटरिंग की जा रही है और आगे आने वाले दिनों में अधिक गिरफ्तारी और खुलासे की संभावना जताई जा रही है।

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