
मेडिकल शिक्षा में नवाचार और विद्यार्थी-केंद्रित प्रशिक्षण को मिलेगी नई दिशा
भोपाल, मध्यप्रदेश । एम्स भोपाल चिकित्सा शिक्षा और नवाचार के क्षेत्र में निरंतर प्रगति कर रहा है। इसी दिशा में एनाटॉमी विभाग की प्रोफेसर डॉ. शीतल कोटगिरवार द्वारा विकसित ह्यूमन एनाटॉमी स्टेंसिल किट एंड मेथड फॉर यूज़िंग द सेम को भारतीय पेटेंट कार्यालय, भारत सरकार ने पेटेंट प्रदान किया है। इस पेटेंट का संख्या 574091 और आवेदन संख्या 202321055340 है। पेटेंट 18 अगस्त 2023 को दायर किया गया था और 19 नवंबर 2025 को आधिकारिक रूप से स्वीकृत किया गया।
ह्यूमन एनाटॉमी स्टेंसिल किट: मेडिकल शिक्षा में क्रांति
डॉ. कोटगिरवार द्वारा विकसित यह किट विशेष रूप से मेडिकल छात्रों के लिए डिज़ाइन की गई है। इसके प्रमुख लाभ हैं। हड्डियों की सटीक और मानकीकृत आकृतियाँ तैयार करना, फ्रीहैंड ड्रॉइंग में कठिनाई का समाधान, साफ-सुथरे डायग्राम बनाने की सुविधा, मस्कुलोस्केलेटल एनाटॉमी की बेहतर, विज़ुअलाइज़ेशन और अवधारणा। इस नवाचार से विद्यार्थी-केंद्रित शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा और मेडिकल छात्रों के लिए अध्ययन प्रक्रिया और सीखने का अनुभव अधिक प्रभावी बनेगा।
एम्स भोपाल में नवाचार और अकादमिक उत्कृष्टता को प्रोत्साहन
यह उपलब्धि न केवल डॉ. कोटगिरवार की प्रतिबद्धता और नवाचार क्षमता को दर्शाती है, बल्कि एम्स भोपाल के चिकित्सा विज्ञान में शोध, नवाचार और अकादमिक योगदान को बढ़ावा देने वाले सतत प्रयासों को भी मजबूती प्रदान करती है। एम्स भोपाल का यह कदम छात्रों के लिए आधुनिक, वैज्ञानिक और प्रभावी शिक्षण उपकरण उपलब्ध कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मिसाल है।



