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भोपाल में 10 करोड़ का एफडी घोटाला: बैंक चपरासी ने मैनेजर के साथ मिलकर दिया अंजाम

भोपाल: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक चौंकाने वाला घोटाला सामने आया है, जिसमें एक बैंक चपरासी ने बैंक मैनेजर के साथ मिलकर 10 करोड़ रुपये का बड़ा फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) घोटाला किया है। चपरासी ने फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर दो एफडी तोड़कर पूरी राशि अपने खाते में ट्रांसफर करवा ली।

**घोटाले की शुरुआत**

यह मामला राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था से जुड़ा है, जिसने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में 5-5 करोड़ रुपये की दो एफडी बनवाई थीं। जांच में खुलासा हुआ कि चपरासी बृजेंद्र दास नामदेव ने बैंक मैनेजर नोएल सिंह के साथ मिलीभगत कर फर्जी कागजात का उपयोग किया और दोनों एफडी की राशि अपने एचडीएफसी बैंक खाते में ट्रांसफर करवा ली।

**एफडी घोटाले का खुलासा कैसे हुआ?**

राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था के प्रमुख सुखदेव प्रसाद अहिरवार ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें उन्होंने बताया कि 30 नवंबर 2023 को संस्था ने 10 करोड़ रुपये की दो एफडी सेंट्रल बैंक में बनवाई थी। कुछ समय बाद पता चला कि दोनों एफडी को तोड़कर राशि चपरासी के खाते में ट्रांसफर कर दी गई है। यहां तक कि एफडी पर मिले 66 लाख रुपये का ब्याज भी चपरासी के खाते में पहुंच गया।

**बैंक मैनेजर की भूमिका**

जांच में सेंट्रल बैंक के तत्कालीन मैनेजर नोएल सिंह की भी मिलीभगत सामने आई है, जिनका तबादला मुंबई हो चुका है। पुलिस ने चपरासी बृजेंद्र दास नामदेव और बैंक मैनेजर नोएल सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी और गबन का मामला दर्ज कर लिया है, लेकिन अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

**पुलिस जांच जारी**

भोपाल पुलिस ने इस बड़े घोटाले की जांच शुरू कर दी है। धोखाधड़ी और गबन के इस मामले में चपरासी और बैंक मैनेजर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।

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