
रिपोर्टर : शैलेन्द्र भटेले
भिंड/गोहद । गोहद विधानसभा के सरपंच संघ ने दंदरौआ धाम में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया, जिसमें पंचायत विकास राशि में हो रही कटौती और भेदभाव के मुद्दों पर चर्चा की गई। सरपंचों ने इस बात पर चिंता जताई कि भिंड जिला विकास में मुरैना और दतिया जैसे जिलों से पिछड़ने लगा है। पिछले दो वर्षों से पंचायतों को मिलने वाली ग्रामीण विकास राशि में भारी कमी आई है, जिससे विकास कार्यों में बाधा उत्पन्न हो रही है।
सरपंचों का आरोप
सरपंचों का आरोप है कि गोहद विधानसभा और भिंड जिले के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा पंचायतों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्वीकृत कार्यों के लिए भी निधि नहीं मिल रही है और नए कार्यों की स्वीकृति भी रोक दी गई है। इसके अलावा, मनरेगा योजना की राशि और निर्माण कार्यों के लिए मटेरियल का भुगतान भी समय पर नहीं हो रहा है, जिससे सरपंचों में हताशा और निराशा का माहौल है।
सरपंचों का विरोध
सरपंच संघ के अध्यक्ष मुरारी तोमर ने बताया कि उन्होंने सांसद संध्या राय, मंत्री राकेश शुक्ला, और विधायक केशव देसाई को लिखित में शिकायत की है, लेकिन उनकी समस्याओं को गंभीरता से नहीं लिया गया है। इसके परिणामस्वरूप, क्षेत्र की जनता और सरपंचों में राजनेताओं और अधिकारियों के प्रति नाराजगी बढ़ रही है। कुछ पंचायतों में सचिवों की अनुपस्थिति भी एक गंभीर समस्या बन गई है, जिससे कामकाज प्रभावित हो रहा है।
अंतिम चेतावनी
हताशा से भरे सरपंच अब पूरी तरह से राजनेताओं का बहिष्कार करने की तैयारी में हैं और एकजुट होकर विरोध के नए तरीकों पर विचार कर रहे हैं।
स्रोत: मुरारी तोमर, अध्यक्ष सरपंच संघ, एवं अन्य सरपंच गण