पंजाब स्थित वाघा बॉर्डर पर राष्ट्रभक्ति और गौरव का नया प्रतीक स्थापित किया गया है। यहां भारत का अब तक का सबसे ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया है, जिसकी ऊंचाई 360 फीट है। इस भव्य तिरंगे को तैयार करने में 55 टन स्टील का उपयोग किया गया है, जो इसे मजबूती और स्थायित्व प्रदान करता है।
ध्वज का आकार भी अपने आप में खास है – इसकी चौड़ाई 120 फीट और ऊंचाई 80 फीट है। इसे स्थापित करने के लिए पाइप को जमीन के 200 मीटर नीचे तक पहुंचाया गया है ताकि यह हर मौसम में मजबूती से खड़ा रह सके। सुरक्षा और निरंतरता को ध्यान में रखते हुए 12 अतिरिक्त झंडे भी तैयार रखे गए हैं।
इस तिरंगे की स्थापना न केवल एक तकनीकी उपलब्धि है, बल्कि यह एक विश्व रिकॉर्ड भी है, जो भारत के गौरव और राष्ट्रप्रेम का प्रतीक बन चुका है। हर भारतीय के लिए यह क्षण अत्यंत गर्व और सम्मान से भरा हुआ है। जब यह विशाल तिरंगा वाघा बॉर्डर पर लहराता है, तो यह पूरे राष्ट्र की एकता, अखंडता और आत्मबल को दर्शाता है।
वाघा बॉर्डर पर यह तिरंगा अब न केवल पर्यटकों के लिए एक आकर्षण बन चुका है, बल्कि यह भारतीय सेना, नागरिकों और विदेशी मेहमानों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत है। यह भारत की बढ़ती वैश्विक प्रतिष्ठा और तकनीकी क्षमता का जीवंत प्रमाण है।
इस ऐतिहासिक उपलब्धि ने भारत को विश्व पटल पर एक नई ऊंचाई दी है – सचमुच, यह हर भारतीय के दिल में देशभक्ति की भावना को और अधिक मजबूत करता है।
वाघा बॉर्डर पर लगा भारत का सबसे ऊंचा तिरंगा बना विश्व रिकॉर्ड, हर भारतीय के लिए गौरव का प्रतीक
