
नई दिल्ली, । हाल ही में संपन्न हुए उपचुनावों में बीजेपी को बड़ी पराजय का सामना करना पड़ा है। बद्रीनाथ समेत 13 में से 11 सीटों पर बीजेपी हार गई है। इस परिणाम ने आगामी उत्तर प्रदेश की 10 सीटों पर होने वाले उपचुनावों की ओर सबकी निगाहें मोड़ दी हैं, जहां सितंबर-अक्टूबर में राहुल गांधी और अखिलेश यादव बीजेपी को चुनौती देने के लिए तैयार हैं।
बीजेपी की अयोध्या में हार के बाद भक्तों द्वारा अयोध्या वासियों को गाली देने की घटनाएं सामने आई थीं। अब बद्रीनाथ में हार के बाद, कहीं ऐसा न हो कि शिव भक्तों को गाली देना शुरू कर दिया जाए। इससे साफ हो गया है कि देश की जनता अब धर्म के नाम पर पाखंड को सहन नहीं करेगी।
इस चुनाव ने यह संदेश दिया है कि जनता अब बेरोजगारी और महंगाई जैसे असल मुद्दों पर बात करना चाहती है, न कि हिंदू-मुस्लिम डिबेट पर। भगवान और देश की जनता ने ठान लिया है कि बीजेपी को सत्ता से बाहर करना ही है।
अयोध्या की हार के सदमे से उबरने का मौका भी नहीं मिला था कि बद्रीनाथ में मुस्लिम उम्मीदवार की जीत ने हिंदुत्व के मुद्दे को एक और बड़ा झटका दिया है। इस बार जनता ने स्पष्ट रूप से अपने विचार व्यक्त कर दिए हैं कि वे अब सिर्फ असली मुद्दों पर ही ध्यान केंद्रित करेंगे।