लुधियाना (पंजाब)। पंजाब के औद्योगिक शहर लुधियाना से हिंदी भाषी क्षेत्रों के प्रवासी मजदूरों ने सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन शुरू कर दिया है। इसके पीछे मुख्य वजह है हाल ही में पंजाब के कुछ इलाकों में संदिग्ध ड्रोन हमलों की घटनाएं, जिनसे मजदूरों में भय का माहौल बन गया है।
उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों से आए हजारों वर्कर्स अब अपने गांवों की ओर लौटने लगे हैं। ये वही श्रमिक हैं, जो वर्षों से पंजाब की औद्योगिक अर्थव्यवस्था का अहम हिस्सा रहे हैं। लेकिन हाल की घटनाओं के बाद इनमें असुरक्षा और अनिश्चितता ने घर कर लिया है।
ड्रोन हमलों की आशंका के बीच पंजाब और जम्मू-कश्मीर के स्थानीय नागरिकों ने पूरे देश से शांति बनाए रखने की अपील की है। इन क्षेत्रों के लोग बार-बार युद्ध जैसे हालातों के दर्दनाक परिणामों से दो-चार होते रहे हैं। यही कारण है कि वे जानते हैं कि युद्ध का खामियाजा सबसे पहले सीमा पर रहने वाले लोग ही भुगतते हैं।
पंजाब-कश्मीर के निवासियों का स्पष्ट संदेश है कि “शांति ही समाधान है”। वहीं, सोशल मीडिया पर कुछ वर्गों द्वारा युद्ध की मांग और आक्रामकता फैलाने की प्रवृत्ति पर भी चिंता जताई जा रही है। स्थानीय लोगों का मानना है कि जो लोग युद्ध के नारे लगा रहे हैं, वे खुद यदि बॉर्डर के आसपास रहते होते, तो पलभर में शांति की गुहार लगाने लगते।
सुरक्षा एजेंसियां सतर्क, लेकिन मजदूरों की चिंताओं को दूर करने की जरूरत
पंजाब पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियां ड्रोन हमलों की जांच में जुटी हैं और पूरे राज्य में सतर्कता बढ़ा दी गई है। बावजूद इसके, हिंदी पट्टी के प्रवासी मजदूरों के मन में भय खत्म नहीं हो रहा।
विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि स्थिति को लेकर समय रहते पारदर्शी संवाद और सुरक्षा का भरोसा नहीं दिलाया गया, तो पंजाब की औद्योगिक गतिविधियों को बड़ा झटका लग सकता है।
ड्रोन हमलों के बाद लुधियाना से हिंदी पट्टी के मजदूरों का पलायन शुरू, पंजाब-कश्मीर के लोग दे रहे शांति का संदेश
