
मुंबई। बॉलीवुड अभिनेता विक्रांत मैसी ने हाल ही में एक इंटरव्यू में अपने धर्मनिरपेक्ष परिवार के अनूठे पहलुओं का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि उनके परिवार में हर धर्म का सम्मान किया जाता है, और यह विविधता उनकी पारिवारिक परंपराओं का अभिन्न हिस्सा है।
विक्रांत ने बताया कि उनकी मां सिख होते हुए भी बिंदी लगाती थीं और करवा चौथ पर परिवार के साथ खड़ी रहती थीं। उनके पिता, जो ईसाई हैं, वैष्णो देवी मंदिर जाते हैं और हफ्ते में दो बार चर्च में प्रार्थना करते हैं। विक्रांत ने कहा, “यह हमारे परिवार के लिए सामान्य है। बचपन से हम मंदिर जाते थे और माता रानी के पंडाल में हिस्सा लेते थे। यही तो भारत की खूबसूरती है।”
धार्मिक विविधता और पारिवारिक एकता का प्रतीक
विक्रांत ने अपने भाई मोइन का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने 17 साल की उम्र में इस्लाम धर्म अपनाया, लेकिन इससे परिवार में कोई धार्मिक विभाजन नहीं हुआ। विक्रांत ने कहा, “हम सभी त्योहार मिलकर मनाते हैं। मेरा भाई दिवाली पर लक्ष्मी पूजा करता है, और हम सब ईद पर बिरयानी खाकर जश्न मनाते हैं।”
सोशल मीडिया ट्रोलिंग का सामना
विक्रांत ने बताया कि करवा चौथ पर पत्नी शीतल ठाकुर के साथ अपनी तस्वीर साझा करने पर उन्हें सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग का सामना करना पड़ा। इस पर उन्होंने कहा, “यह किसी धर्म या परंपरा का पालन करने से ज्यादा, हमारे परिवार की एकता और प्यार का प्रतीक है।”
भारतीय संस्कृति का हिस्सा
विक्रांत मैसी ने अपने धर्मनिरपेक्ष दृष्टिकोण को खुलकर साझा करते हुए कहा, “हमारे परिवार में विविधता और धर्मों का सम्मान करना हमेशा प्राथमिकता रही है। यह भारतीय संस्कृति और एकता का प्रतिबिंब है।”
निष्कर्ष: विक्रांत मैसी के परिवार की यह अनूठी परंपरा हमारे समाज के लिए प्रेरणा है। उनकी कहानी भारतीय संस्कृति में एकता और विविधता के महत्व को और गहराई से समझने का अवसर देती है।
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