सिंगापुर, । सिंगापुर की धरती पर इन दिनों हिंदू धर्म का गौरवमयी उत्सव देखने को मिल रहा है। देश के सबसे प्राचीन हिंदू मंदिर में आयोजित हो रहा है महाकुंभाभिषेकम, जिसमें 20,000 से अधिक श्रद्धालु भाग लेकर भारतीय संस्कृति और सनातन परंपरा की दिव्यता को अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रतिष्ठित कर रहे हैं।
धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक गर्व का संगम
यह आयोजन वैदिक परंपराओं, शुद्ध उच्चारित मंत्रों, और दिव्य अनुष्ठानों के साथ संपन्न हो रहा है। मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की आस्था की ऐसी लहर उमड़ी है, मानो भारत की किसी पावन तीर्थभूमि पर कोई भव्य महायज्ञ चल रहा हो।
क्या है महाकुंभाभिषेकम?
महाकुंभाभिषेकम दक्षिण भारतीय मंदिरों में एक अत्यंत पवित्र अनुष्ठान होता है, जिसमें मंदिर के कलशों, गर्भगृह और मुख्य विग्रहों का विशेष स्नान वैदिक मंत्रों और अभिषेक विधियों के साथ किया जाता है। यह उत्सव हर 12 वर्ष में एक बार आयोजित किया जाता है और इसे मंदिर के आध्यात्मिक ऊर्जा को पुनः जाग्रत करने का पर्व माना जाता है।
सिंगापुर में हिंदू संस्कृति की गूंज
यह आयोजन दर्शाता है कि हिंदू संस्कृति और परंपराएं केवल भारत तक सीमित नहीं हैं, बल्कि विश्वभर में बसे प्रवासी भारतीय समुदायों द्वारा उन्हें सजीव और सक्रिय रूप में आगे बढ़ाया जा रहा है। सिंगापुर में बसे हिंदू समुदाय ने इस अवसर पर एकता, श्रद्धा और संस्कृति के अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किए हैं।
विशेष आकर्षण
दक्षिण भारत से आए वेदपाठी ब्राह्मणों द्वारा मंत्रोच्चार
पारंपरिक अलंकृत रथ यात्रा और संगीतमयी भजन संध्या
स्थानीय नागरिकों और अंतरराष्ट्रीय मेहमानों की भागीदारी
सिंगापुर में गूंजे वैदिक मंत्र: प्राचीन हिंदू मंदिर में महाकुंभाभिषेकम, 20 हजार से अधिक श्रद्धालुओं की भागीदारी
