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जंगल में होती है तोडफोड और चीखने-चिल्लाने की पार्टी

6 लाख का भुगतान कर महिलाएं लेती है पार्टी में भाग
लंदन । अमेरिका और यूरोपीय देशों में आजकल क्रोध अनुष्ठान एक नया ट्रेंड है। बीच जंगल में पार्टी आयोजित की जाती है। जहां गुस्से से भरी महिलाएं जाती हैं और चीखकर चिल्लाकर अपना गुस्सा उतारती हैं।तोड़फोड़ करती हैं।खूब शोर मचाती हैं, ताकि गुस्सा उतर जाए।और हां, ऐसी पार्टियों में शामिल होने के लिए महिलाएं 5 से 6 लाख रुपये तक चुका रही हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर मिया बैंडुची, जिन्हें मिया मैजिक के नाम से जाना जाता है, अमेरिका में इन दिनों ऐसी पार्टियों का आयोजन कर रही हैं। साइबर सिक्योरिटी इंजीनियर मिया बैंडुची ने कहा, अक्सर ऐसी पार्टियां जंगल के बीच में आयोजित की जाती हैं।जहां महिलाओं को अपने गुस्से के इजहार करने का मौका मिलता है।हम बताना चाहते हैं कि लोग गुस्सा न करें, अग्रेसिव न हों।यह बेहद खतरनाक है।पुरुषों के लिए रोना बहुत जरूरी है, क्योंकि किसी भी हालात में उनके आंसू नहीं आते।वे परेशान करते हैं।इसी तरह महिलाओं का गुस्सा निकलना आवश्यक है।ऐसी पार्टियों में लोग करते क्या हैं? इस सवाल के जवाब पर मिया बैंडुची ने कहा, यहां महिलाएं आती हैं।जितनी देर तक हो सकता है, चिल्लाती हैं।गुस्सा करती हैं।जो मन में आए उसे तोड़ती हैं, फोड़ती हैं।
जमीन पर लाठियां पटकती हैं।ताकि किसी तरह से उनके अंदर का अग्रेशन बाहर निकल जाए।उनका मन शांत हो जाए।एक बार ये प्रक्रिया हो जाती है, तो वे काफी रिलैक्स फील करती हैं।यही वजह है कि ऐसी पार्टियों की डिमांड बढ़ रही है। बैंडुची ने बीते वर्षों में ऐसे कई आयोजन किए हैं। बैंडुची ही नहीं, जेसिका रिचेट्टी जैसी तमाम महिलाएं भी ऐसी पार्टियां आयोजित कर रही हैं।ऐसी पार्टियों के लिए बकायदा वैन्यू बनाए गए हैं।जहां रातभर रुकने के लिए कमरे भी बने हैं।कई पार्टियों में शामिल होने के लिए महिला 7000 डॉलर से 8000 डॉलर यानी लगभग 6 लाख रुपये तक चुका रही हैं।यहां आने वाली महिलाओं को उकसाया जाता है।उन्हें याद दिलाया जाता है कि कब उनके साथ अन्याय हुआ।उन्हें उस वक्त का माहौल याद करने को कहा जाता है।गुस्सा दिलाया जाता है।ऐसी ही एक पार्टी में शामिल रही किम्बर्ली हेल्मस इसे चमत्कारिक क बताती हैं।
उन्होंने कहा, ऐसी कोई जगह नहीं है जहां आप महिलाओं को इस तरह गुस्सा करते हुए देख सकें।यह सिर्फ हार्मोनल चेंजेज के लिए है।मुझे तो इससे काफी शांति मिली।मशहूर डॉक्टर आर्थर जानोव इसे मेडिकल साइंस बताते हैं।उन्होंने कहा, जब लोग ऐसा करते हैं और खुद को अपने गुस्से को बाहर निकालने की अनुमति देते हैं, तो उनकी खुशी की क्षमता वास्तव में बढ़ जाती है। विशेषज्ञों की माने तो क्रोध और गुस्सा किसी के लिए भी ठीक नहीं। इसे रोकने के लिए लोग तरह-तरह के उपाय करते हैं।मेडिटेशन से लेकर योगा तक करके मन को शांत रखते हैं।

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