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पाकिस्तान में शिया-सुन्नी संघर्ष: कुर्रम जिले में हिंसा से अब तक 64 की मौत, हालात बेकाबू

*इस्लामाबाद**। पाकिस्तान के कुर्रम जिले में शिया और सुन्नी समुदायों के बीच चल रही हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। अफगानिस्तान की सीमा से सटे इस आतंक प्रभावित इलाके में पिछले एक सप्ताह में **64 से अधिक लोग मारे जा चुके** हैं। इससे पहले भी यहां हुई हिंसा में लगभग 50 लोगों की जान गई थी। हालात को देखते हुए सरकार ने अगस्त महीने में दोनों पक्षों के बीच **सीजफायर समझौता** कराया था, लेकिन संघर्ष एक बार फिर भड़क उठा है।

### संघर्ष से प्रभावित जनजीवन: खाद्य और दवाओं की आपूर्ति बाधित
कुर्रम जिले में फिर से भड़की हिंसा के कारण जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हो गया है। **यातायात बाधित** होने के साथ-साथ, खाने-पीने के सामान, ईंधन और दवाओं की सप्लाई भी पूरी तरह से ठप हो चुकी है। हिंसा के चलते **शैक्षिक संस्थानों को बंद** करना पड़ा है, और स्थानीय लोग दवाइयों और अन्य आवश्यक वस्तुओं के लिए तरस रहे हैं।

### कुर्रम जिले की भौगोलिक स्थिति और हिंसा का कारण
कुर्रम पहाड़ी इलाका है और यह अफगानिस्तान के खोस्त, पक्तिया, लोगर, और नांगरहार प्रांतों से सटा हुआ है, जो लंबे समय से **आईएसआईएस और पाकिस्तान तालिबान** का गढ़ माना जाता है। यहां की लगभग **7 लाख की आबादी** में से 42% लोग शिया समुदाय से हैं, जबकि सुन्नी बहुल पाराचिनार शहर के आसपास **सुन्नी समुदाय का बहुमत** है।

### जमीन विवाद बना हिंसा का कारण
स्थानीय पुलिस के अनुसार, इस बार का संघर्ष **जमीन विवाद** से शुरू हुआ। ऊपरी कुर्रम के बोशेहरा शिया जब सुन्नी अहमदजाई समुदाय की जमीन पर बंकर बनाने लगे, तो इसका सुन्नी समुदाय ने विरोध किया। विवाद इतना बढ़ गया कि पूरे इलाके में **लाठी, डंडे और गोला-बारूद** चलने लगे। कई मकानों को आग के हवाले कर दिया गया, और दोनों पक्षों के बीच छोटे-बड़े हथियारों से जमकर गोलीबारी हुई।

### क्षेत्र में तनाव: मुख्य सड़कों और सीमाओं को किया गया बंद
तनाव के कारण **पाराचिनार-पेशावर मुख्य सड़क और पाक-अफगान खारलाची सीमा** को बंद कर दिया गया है। इससे खाद्य और ईंधन की आपूर्ति बाधित हो गई है, जिससे स्थानीय लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। हिंसा का यह दौर **बालिशखेल, सद्दा, खार कल्ले, पीवार और मकबल** जैसे क्षेत्रों में फैल चुका है।

### प्रांतीय सरकार की शांति लाने की कोशिशें
प्रांतीय सरकार के प्रवक्ता बैरिस्टर सैफ अली ने बताया कि अधिकारी कबायली बुजुर्गों की मदद से हालात को काबू करने की कोशिश कर रहे हैं। जिला प्रशासन, पुलिस, सैन्य नेतृत्व और आदिवासी बुजुर्ग **शांति बहाल** करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।

### पिछले महीने भी भड़की थी हिंसा
इससे पहले जुलाई महीने में भी कुर्रम जिले में **जातीय हिंसा** हुई थी, जिसमें 50 लोग मारे गए थे और 225 से अधिक घायल हो गए थे। इस क्षेत्र में पिछले **10 साल से शिया और सुन्नी समुदायों के बीच तनाव** बना हुआ है। हर बार कोई न कोई विवाद हिंसक झड़प में तब्दील हो जाता है, जिससे इलाके में स्थायी शांति की उम्मीदें धूमिल होती नजर आती हैं।

### गवर्नर का बयान: “स्थिति को नियंत्रित करने के प्रयास जारी”
खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के गवर्नर **फैसल करीम कुंडी** ने कहा कि संघर्ष विराम की कोशिशें जारी हैं, लेकिन हिंसा की गंभीरता को देखते हुए यह कहना मुश्किल है कि स्थिति कब तक काबू में आएगी।

पाकिस्तान के कुर्रम जिले में शिया और सुन्नी समुदायों के बीच हिंसा ने एक बार फिर गंभीर रूप धारण कर लिया है। दोनों पक्षों के बीच सुलह की तमाम कोशिशें अब तक नाकाम साबित हुई हैं, और सरकार के सामने स्थिति को नियंत्रित करने की चुनौती बढ़ती जा रही है। अगर जल्द ही इस समस्या का समाधान नहीं निकाला गया, तो यह संघर्ष और भी व्यापक रूप ले सकता है।

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