कीव पर रूसी ड्रोन हमला: क्या अंतिम चरण में यूक्रेन पर झुकने का रणनीतिक दबाव बढ़ाया जा रहा है?

कीव। आज सुबह यूक्रेन की राजधानी कीव में एक रूसी ड्रोन के ऊँची इमारत से टकराने की खबर ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या रूस युद्ध के इस चरण में यूक्रेन पर अंतिम दबाव बनाने की रणनीति अपना रहा है। यह हमला ऐसे समय पर हुआ है जब कूटनीतिक स्तर पर युद्धविराम और शांति वार्ता की संभावनाओं पर चर्चा चल रही है।

क्या यह “आख़िरी चेतावनी” जैसी रणनीति है?

सैन्य विश्लेषकों के अनुसार बड़े शहरों में प्रतीकात्मक लेकिन सीमित ड्रोन हमले नागरिक ढांचे को डराने वाला संदेश और राजधानी पर सीधा मनोवैज्ञानिक प्रभाव ये सभी संकेत देते हैं कि रूस सैन्य जीत से ज्यादा राजनीतिक दबाव की रणनीति अपना रहा है।

रूस का संभावित उद्देश्य क्या हो सकता है?

विशेषज्ञ मानते हैं कि रूस इस तरह के हमलों के ज़रिये यूक्रेनी नेतृत्व को यह संदेश देना चाहता है कि राजधानी भी सुरक्षित नहीं पश्चिमी देशों को यह दिखाना चाहता है कि युद्ध अब भी रूस के नियंत्रण में है और शांति वार्ता से पहले अपनी शर्तों की स्थिति मजबूत करना चाहता है। यह दबाव खासतौर पर तब बढ़ता दिख रहा है जब रूस को लगता है कि समय उसके पक्ष में काम कर रहा है।

यूक्रेन की प्रतिक्रिया और स्थिति

यूक्रेन की ओर से अब तक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि वायु रक्षा प्रणालियों ने अधिकांश ड्रोन हमलों को निष्क्रिय किया राजधानी की सुरक्षा बरकरार है और किसी भी प्रकार के “झुकने” की संभावना नहीं है। राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि दबाव या धमकी के तहत कोई समझौता स्वीकार नहीं किया जाएगा।

क्या युद्ध निर्णायक मोड़ पर है?

कई अंतरराष्ट्रीय रणनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि यह युद्ध सैन्य से ज्यादा राजनीतिक चरण में प्रवेश कर चुका है। रूस निर्णायक जीत के बजाय थकान और डर की रणनीति अपना रहा है। जबकि यूक्रेन पश्चिमी समर्थन के भरोसे लंबी लड़ाई के लिए तैयार दिखता है


निष्कर्ष

कीव पर ड्रोन हमला सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि राजनीतिक संदेश भी है। हालांकि यह कहना जल्दबाज़ी होगी कि यूक्रेन “अंतिम समय में झुकने” वाला है। फिलहाल यह संघर्ष दबाव बनाम प्रतिरोध की अवस्था में है, जहां दोनों पक्ष पीछे हटने को तैयार नहीं दिखते।

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