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बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार के विरोध में नेपाल में भड़का जनआक्रोश, सड़कों पर उग्र प्रदर्शन

नेपाल में बांग्लादेशी हिंदुओं के समर्थन में विरोध प्रदर्शन, अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप की मांग तेज

काठमांडू/ढाका। बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे कथित क्रूर और लक्षित हमलों के खिलाफ अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विरोध की आवाजें तेज होती जा रही हैं। इसी कड़ी में पड़ोसी देश नेपाल में जबरदस्त जनआक्रोश देखने को मिला, जहाँ बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए और बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ उग्र प्रदर्शन किए। प्रदर्शनकारियों ने हाथों में तख्तियां और बैनर लेकर बांग्लादेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और वहां रह रहे हिंदू समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की। प्रदर्शन के दौरान हिंदुओं पर हिंसा बंद करो, धार्मिक अल्पसंख्यकों की रक्षा करो और मानवाधिकारों का सम्मान करो जैसे नारे गूंजते रहे।

न्याय और वैश्विक ध्यान की मांग

नेपाल में हो रहे इन प्रदर्शनों का मुख्य उद्देश्य बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों की ओर वैश्विक समुदाय का ध्यान आकर्षित करना है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि बांग्लादेश में मंदिरों पर हमले, घरों में तोड़फोड़, महिलाओं के उत्पीड़न और जानमाल के नुकसान की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं, लेकिन अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं उठाया जा रहा।

मानवाधिकार संगठनों से हस्तक्षेप की अपील

प्रदर्शनकारियों ने संयुक्त राष्ट्र, अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों और वैश्विक शक्तियों से मांग की है कि वे बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों की स्थिति का संज्ञान लें और वहां की सरकार पर दबाव बनाएं ताकि हिंसा पर तत्काल रोक लगे।

क्षेत्रीय अस्थिरता का संकेत

विशेषज्ञों का मानना है कि नेपाल में भड़का यह विरोध केवल एक देश तक सीमित नहीं है, बल्कि यह संकेत है कि बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा अब क्षेत्रीय चिंता का विषय बन चुकी है। यदि समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो इसका असर दक्षिण एशिया की सामाजिक और राजनीतिक स्थिरता पर भी पड़ सकता है।

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