
नियामे (नाइजर)। अमेरिका द्वारा किए गए कथित सीमा-पार हमलों के बाद नाइजर सरकार ने बड़ा और असाधारण कदम उठाते हुए ‘राष्ट्रीय लामबंदी दिवस (National Mobilization Day)’ की घोषणा कर दी है। यह फैसला ऐसे समय पर लिया गया है, जब क्षेत्र में सुरक्षा हालात तेजी से तनावपूर्ण होते जा रहे हैं।
नागरिकों को तत्काल बुलावे पर जवाब देने का आदेश
सरकारी बयान के अनुसार देश के सभी नागरिकों को राज्य के आह्वान पर तुरंत प्रतिक्रिया देना अनिवार्य होगा। किसी भी प्रकार की आपात स्थिति में सहयोग और भागीदारी अपेक्षित की जाएगी। इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से अस्थायी लेकिन सख्त व्यवस्था बताया जा रहा है।
शत्रुतापूर्ण विदेशी नागरिकों की रिपोर्टिंग अनिवार्य
नाइजर सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि कोई व्यक्ति शत्रुतापूर्ण गतिविधियों में संलिप्त विदेशी नागरिकों के बारे में जानकारी रखता है तो उसकी सूचना संबंधित सुरक्षा एजेंसियों को देना अनिवार्य होगा। सरकार का कहना है कि यह कदम देश की संप्रभुता और आंतरिक सुरक्षा की रक्षा के लिए उठाया गया है।
अमेरिकी हमलों के बाद बढ़ा तनाव
यह घोषणा ऐसे समय आई है, जब डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिकी प्रशासन पर नाइजर की सीमा में हवाई या सैन्य कार्रवाई करने के आरोप लगाए जा रहे हैं। हालांकि, अमेरिका की ओर से इन आरोपों पर अब तक कोई विस्तृत आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय असर
विश्लेषकों के मुताबिक नाइजर का यह फैसला पश्चिम अफ्रीका में भू-राजनीतिक तनाव को और बढ़ा सकता है। साहेल क्षेत्र पहले ही आतंकवाद, सैन्य तख्तापलट और विदेशी हस्तक्षेप से जूझ रहा है। ऐसे में राष्ट्रीय लामबंदी की घोषणा स्थिति को नए मोड़ पर ले जा सकती है
सरकार की अपील
नाइजर सरकार ने नागरिकों से शांति बनाए रखने, अफवाहों से दूर रहने, और राष्ट्रीय हित में सहयोग करने की अपील की है।
> नोट: यह रिपोर्ट सरकारी घोषणाओं और अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रम पर आधारित है। जमीनी स्तर पर सैन्य गतिविधियों की स्वतंत्र पुष्टि अभी शेष है।



