आईसीसी वारंट के बीच नेतन्याहू की अमेरिका यात्रा, ट्रम्प से उच्च स्तरीय बैठकें

वारंट के बावजूद फ्लोरिडा पहुंचे इजरायली प्रधानमंत्री

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) द्वारा जारी गिरफ्तारी वारंट के बावजूद ग्रीस, इटली और फ्रांस तीनों आईसीसी सदस्य देशों के हवाई क्षेत्र से होकर फ्लोरिडा पहुंच गए हैं। यहां वे पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ उच्च स्तरीय बैठकों में शामिल होंगे। यह दौरा ऐसे समय पर हो रहा है जब मध्य-पूर्व और वैश्विक राजनीति एक निर्णायक मोड़ पर खड़ी है।

उड़ान मार्ग ने उठाए आईसीसी की सीमाओं पर सवाल

नेतन्याहू को ले जा रहा विमान जिन देशों के हवाई क्षेत्र से गुज़रा, वे सभी आईसीसी के सदस्य हैं। इसके बावजूद उड़ान को कोई बाधा नहीं मिली। इसे भू-राजनीतिक यथार्थ और रणनीतिक गठबंधनों के संदर्भ में आईसीसी की व्यावहारिक पहुंच और प्रभाव की सीमाओं के रूप में देखा जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटना अंतरराष्ट्रीय कानून और राजनीतिक हितों के टकराव को उजागर करती है।

अमेरिका-इजराइल गठबंधन की केंद्रीय भूमिका

फ्लोरिडा आगमन यह भी दर्शाता है कि वॉशिंगटन इजराइल का सबसे महत्वपूर्ण राजनयिक और राजनीतिक समर्थक बना हुआ है। अमेरिका, विशेषकर ट्रम्प के साथ नेतन्याहू के संबंध, दोनों देशों के रणनीतिक सहयोग की निरंतरता को रेखांकित करते हैं। यह मुलाकात इस वर्ष ट्रम्प और नेतन्याहू की छठी बैठक बताई जा रही है।

छठी मुलाकात, मजबूत होते रिश्ते

लगातार बैठकों की श्रृंखला यह संकेत देती है कि अमेरिका-इजराइल संबंध केवल औपचारिक कूटनीति तक सीमित नहीं हैं, बल्कि सुरक्षा, रणनीति और क्षेत्रीय स्थिरता जैसे मुद्दों पर गहन समन्वय जारी है। दोनों नेताओं के बीच संवाद की आवृत्ति इस गठबंधन की मजबूती और दीर्घकालिक दृष्टिकोण को पुष्ट करती है।


वैश्विक संदेश और राजनीतिक संकेत

नेतन्याहू की यह यात्रा एक स्पष्ट संदेश देती है, अंतरराष्ट्रीय वारंट के बावजूद रणनीतिक साझेदारियों का प्रभाव बरकरार है। आईसीसी जैसे संस्थानों की कार्रवाई राजनीतिक वास्तविकताओं से प्रभावित हो सकती है। अमेरिका-इजराइल संबंध वैश्विक राजनीति में अब भी केंद्रीय धुरी बने हुए हैं।


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