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इजरायल-लेबनान संघर्ष: सीजफायर टूटा, ट्रंप ने हमास को दी चेतावनी

वॉशिंगटन। इजरायल और लेबनान के बीच जारी संघर्ष ने नया मोड़ ले लिया है। इजरायल की डिफेंस मिनिस्ट्री ने लेबनान के साउथ इलाके में हिजबुल्लाह के ठिकानों पर हमले की अनुमति दे दी है। इसके बाद इजरायली सेना ने हिजबुल्लाह के खिलाफ हवाई हमले शुरू कर दिए हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन हमलों में 11 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें एक स्टेट सिक्योरिटी ऑफिसर भी शामिल है। इजरायल ने स्पष्ट कर दिया है कि वह अब किसी भी हाल में पीछे नहीं हटेगा।

हिजबुल्लाह का पलटवार
सीजफायर के टूटने के बाद हिजबुल्लाह ने भी कड़ा जवाब दिया है। संगठन ने सोमवार को बयान जारी कर कहा कि उसने अपने प्राइमरी डिफेंस सिस्टम को एक्टिव कर दिया है। इसके तहत लेबनान की कफर चौबा पहाड़ियों में एक इजरायली सैन्य अड्डे पर हमला किया गया। कफर चौबा एक विवादित क्षेत्र है, जिस पर लेबनान अपना दावा करता है।

ट्रंप ने हमास को दी डेडलाइन
उधर, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हमास को अल्टीमेटम जारी किया है। ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “20 जनवरी, 2025 को मैं गर्व के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में पदभार संभालूंगा। अगर इस तारीख तक इजरायली बंधकों को रिहा नहीं किया गया, तो इसके लिए जिम्मेदार लोगों को मध्य पूर्व में बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी। उन्हें अमेरिका के इतिहास में सबसे कठोर सजा दी जाएगी।”

सारा नेतन्याहू की अपील
डोनाल्ड ट्रंप ने यह बयान फ्लोरिडा में बेंजामिन नेतन्याहू की पत्नी सारा नेतन्याहू से मुलाकात के बाद दिया। सारा ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट करते हुए लिखा, “मैंने ट्रंप को 7 अक्टूबर से इजरायल द्वारा झेली जा रही पीड़ा और हमास आतंकियों की अमानवीयता के बारे में बताया। हमास अभी भी हमारे नागरिकों को बंधक बनाए हुए है। उन्हें बेहद कठिन परिस्थितियों में रखा गया है। बंधकों की रिहाई और उनकी जल्द वापसी की आवश्यकता पर मैंने जोर दिया।”

हमास के हमले की पृष्ठभूमि
गौरतलब है कि 7 अक्टूबर, 2023 को हमास ने इजरायल पर बड़ा हमला किया था। इस दौरान बड़ी संख्या में इजरायली नागरिकों को बंधक बना लिया गया था। इसके बाद से इजरायल और हमास के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है।

निष्कर्ष

इजरायल और लेबनान के बीच सीजफायर का टूटना और ट्रंप का हमास के खिलाफ कड़ा रुख इस क्षेत्र में स्थिति को और गंभीर बना सकता है। ऐसे में आने वाले दिनों में इस संघर्ष का प्रभाव और बढ़ने की संभावना है।

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