
नई दिल्ली। भारत ने स्पष्ट किया है कि वह अफगानिस्तान की क्षेत्रीय अखंडता और स्वतंत्रता के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है। विदेश मंत्रालय (MEA) ने कहा कि अफगानिस्तान जब अपने ही सीमाओं के भीतर संप्रभुता का इस्तेमाल करता है, तो पाकिस्तान बौखला जाता है। MEA ने इस बयान के माध्यम से यह भी स्पष्ट किया कि भारत काबुल के साथ मजबूती से खड़ा है और इस्लामाबाद की किसी भी तरह की दखलअंदाज़ी को बर्दाश्त नहीं करेगा।
विश्लेषकों के अनुसार यह बयान पाकिस्तान द्वारा अफगानिस्तान में हस्तक्षेप और सीमा विवादों को लेकर बढ़ते दबाव के समय आया है। भारत ने अपने लंबे समय से चले आ रहे रणनीतिक और कूटनीतिक समर्थन को दोहराया है, जिसमें अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण, शांति प्रक्रिया और क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करना शामिल है। MEA ने यह भी कहा कि भारत हमेशा अफगानिस्तान के साथ सहयोग और मैत्रीपूर्ण संबंधों को बढ़ावा देगा, और किसी भी बाहरी ताकत की अफगान मामलों में हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं करेगा। इस कदम से स्पष्ट होता है कि भारत ने काबुल के साथ अपनी नीतिगत मजबूती और पाकिस्तान की दखलंदाजी के खिलाफ अपनी स्थिति को खुलकर सामने रखा है।