
नई दिल्ली । भारत सरकार ने अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा किए गए हालिया दावे का स्पष्ट खंडन किया है। विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के बीच हाल ही में कोई फोन कॉल नहीं हुई है। यह खंडन ऐसे समय में आया है जब ट्रंप ने मीडिया में यह दावा किया था कि उन्होंने मोदी जी से बातचीत की थी।
ट्रंप के दावे का भारत ने किया खंडन
MEA प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि जहाँ तक मेरी जानकारी है, प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच कोई फोन कॉल नहीं हुई। भारत सरकार ने इस दावे को पूरी तरह खारिज किया है। विदेश मंत्रालय ने इसे सटीक और जिम्मेदार खंडन बताया, जो यह दर्शाता है कि भारत किसी भी गलत जानकारी को बर्दाश्त नहीं करेगा। विश्लेषकों का कहना है कि यह खंडन भारत की कूटनीति की स्पष्टता और विश्वसनीयता को दर्शाता है।
ट्रंप की नई डिप्लोमेसी थ्योरी
डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में मीडिया में यह दावा किया कि उन्होंने ईरान और पाकिस्तान के बीच संभावित युद्ध को रोका है। विशेषज्ञ इसे ट्रंप की नई कूटनीति या डिप्लोमेसी थ्योरी के रूप में देख रहे हैं। कई अंतरराष्ट्रीय विश्लेषक इसे अत्यधिक अतिशयोक्ति और मीडिया में लोकप्रियता बढ़ाने की रणनीति के रूप में बता रहे हैं। कुछ आलोचकों का कहना है कि ट्रंप की यह बयानबाजी वास्तविक कूटनीतिक घटनाओं से अधिक सार्वजनिक छवि बनाने की कोशिश प्रतीत होती है।
भारत की कूटनीति पर असर
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की स्पष्ट प्रतिक्रिया ने यह संदेश दिया है कि देश की संप्रभुता और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में सटीक जानकारी ही मान्य है। ट्रंप के दावों का खंडन करने से भारत ने अपने कूटनीतिक रवैये में पारदर्शिता और विश्वसनीयता को मजबूत किया है। इस घटना ने यह भी उजागर किया कि अंतरराष्ट्रीय नेताओं के बयान हमेशा तथ्य पर आधारित नहीं होते, और भारत की कूटनीति ने इसे सहजता और प्रभावी ढंग से संभाला।