नई दिल्ली/फ्नोम पेन्ह । कंबोडिया–थाईलैंड सीमा विवाद के बीच सोशल मीडिया और कुछ स्थानीय स्रोतों में ऐसे दावे सामने आए हैं कि थाई सेना द्वारा कथित रूप से कब्ज़े में लिए गए एक क्षेत्र में स्थित हिंदू देवता की प्राचीन प्रतिमा को तोड़ दिया गया है।
आरोपों के अनुसार, उस क्षेत्र से कंबोडिया से जुड़े प्रतीकों को हटाया जा रहा है, जिससे दोनों देशों के बीच पहले से चले आ रहे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विवादों ने नया रूप ले लिया है। हालांकि, इन दावों की स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय पुष्टि अब तक नहीं हो सकी है।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
दक्षिण-पूर्व एशिया में थाईलैंड और कंबोडिया, दोनों देशों की सभ्यताओं पर प्राचीन हिंदू संस्कृति का गहरा प्रभाव रहा है। अंगकोरवाट, प्रेह विहार जैसे अनेक ऐतिहासिक स्थलों का निर्माण मूलतः हिंदू देवताओं को समर्पित मंदिरों के रूप में हुआ था, जो समय के साथ धार्मिक परिवर्तन के दौर से गुज़रे।
इतिहासकारों के अनुसार क्षेत्रीय सत्ता परिवर्तन और धार्मिक बदलावों के दौरान कई बार धार्मिक स्थलों के स्वरूप में परिवर्तन हुआ, जिसे लेकर आज भी शैक्षणिक और राजनीतिक स्तर पर बहस जारी है।
संवेदनशीलता और कूटनीति की आवश्यकता
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के आरोप यदि बिना पुष्टि के फैलते हैं, तो वे धार्मिक भावनाओं को भड़काने और क्षेत्रीय तनाव को और बढ़ाने का कारण बन सकते हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय लगातार इस बात पर ज़ोर देता रहा है कि ऐतिहासिक विरासत और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा किसी भी सैन्य या राजनीतिक विवाद से ऊपर होनी चाहिए।
फिलहाल कंबोडिया या थाईलैंड की ओर से इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक विस्तृत बयान सामने नहीं आया है। ऐसे में जानकारों की राय है कि तथ्यों की निष्पक्ष जाँच और कूटनीतिक संवाद ही तनाव कम करने का एकमात्र रास्ता है।
कंबोडिया–थाई सीमा विवाद के बीच हिंदू प्रतिमा को तोड़ा, क्षेत्रीय तनाव बढ़ा
