कनाडा: अविश्वास प्रस्ताव गिरा, ट्रूडो सरकार की अस्थायी जीत लेकिन राजनीतिक संकट बरकरार
*ओटावा**। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की अल्पसंख्यक लिबरल सरकार ने एक महत्वपूर्ण अविश्वास प्रस्ताव में जीत हासिल की है, लेकिन उनके राजनीतिक संकट का अंत अभी भी दूर नजर आ रहा है। इस जीत के बावजूद, उनकी लोकप्रियता नौ साल के कार्यकाल में सबसे निचले स्तर पर पहुंच चुकी है, जिससे विपक्षी दलों की चुनौती और भी मजबूत हो गई है।
जनमत सर्वेक्षणों में कंजर्वेटिव नेता पियरे पोयलिवर की स्थिति मजबूत नजर आ रही है, जो जल्द चुनाव कराने के लिए तैयार हैं। उन्होंने ट्रूडो की सरकार को हर मोर्चे पर विफल करार दिया है, खासतौर पर बढ़ती महंगाई, आवास संकट और अपराध नियंत्रण में। पोयलिवर ने कहा कि वह सरकार गिराने की कोशिश जारी रखेंगे और अगले सप्ताह एक और अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा।
दरअसल, यह संकट तब शुरू हुआ जब वामपंथी न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (NDP) ने इस महीने की शुरुआत में लिबरल के साथ हुए गठबंधन समझौते को तोड़ दिया था, जिससे ट्रूडो की सरकार गिरने का खतरा बढ़ गया था। हालांकि, संसद में 211 के मुकाबले 120 वोटों से ट्रूडो सरकार को हटाने का प्रस्ताव खारिज कर दिया गया, लेकिन विपक्षी दलों का समर्थन न मिलने से ट्रूडो की सरकार की स्थिरता पर सवाल बने हुए हैं।
कनाडा की संसद में पोयलिवर और ट्रूडो के बीच तीखी बहस देखी गई। पोयलिवर ने ट्रूडो को हराने का संकल्प लिया है और कहा है कि वह 2025 से पहले सरकार गिराने का हर संभव प्रयास करेंगे। वहीं, दूसरी ओर अलगाववादी ब्लॉक क्यूबेकॉइस ने भी लिबरल्स से समर्थन के बदले रियायतों की मांग की है, जिससे ट्रूडो के सामने नई चुनौतियां खड़ी हो गई हैं।
लिबरल हाउस की नेता करीना गोल्ड ने कंजर्वेटिव्स पर आरोप लगाया कि वे सरकार को अस्थिर करने के लिए ‘राजनीतिक खेल’ खेल रहे हैं। उन्होंने कहा, “यह बहुत ही अजीब है कि वे एक और अविश्वास प्रस्ताव लाने की योजना बना रहे हैं।”
हालांकि, ट्रूडो की सरकार ने एनडीपी के समर्थन से पूंजीगत लाभ करों पर एक नया कानून पारित करवा लिया, जिससे एक और राजनीतिक संकट टल गया है। अब देखना होगा कि आने वाले हफ्तों में विपक्षी दल सरकार पर दबाव बनाने में कितने सफल होते हैं।
इस राजनीतिक उथल-पुथल के बीच, ट्रूडो के सामने चुनौती यह है कि वह अपनी लोकप्रियता को कैसे वापस हासिल करें और अल्पसंख्यक सरकार को 2025 तक स्थिर बनाए रखें।