ब्रिटेन पर कर्ज का भारी बोझ: जीडीपी के मुकाबले 100% से अधिक
लंदन। ब्रिटेन एक ऐसा विकसित देश है जो भारी कर्ज के बोझ तले दबा हुआ है। देश ने अपनी जीडीपी के मुकाबले 100 फीसदी से अधिक का कर्ज लिया है। इस संदर्भ में, जापान सबसे आगे है, जिसका कर्ज उसकी जीडीपी के 250 फीसदी के बराबर है। अमेरिका भी इस सूची में शामिल है, जहाँ कर्ज जीडीपी के 122 फीसदी तक पहुँच चुका है। ग्रीस, सिंगापुर और इटली जैसे अन्य देशों में भी कर्ज का स्तर 100 फीसदी से अधिक है।
यह गंभीर आर्थिक स्थिति विशेषज्ञों के लिए चिंता का विषय बन गई है, खासकर जब महंगाई और आर्थिक अनिश्चितता की वजह से देश पहले से ही वित्तीय दबाव में हैं। यूके के लिए अब आवश्यक हो गया है कि वह अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए ठोस कदम उठाए, अन्यथा देश की आर्थिक स्थिरता खतरे में पड़ सकती है।
अगस्त में, यूके ने 13.7 बिलियन पाउंड का कर्ज लिया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 3.3 बिलियन पाउंड अधिक है। यह कर्ज 1961 के बाद का सबसे ऊँचा स्तर है। ब्रिटेन के ऑफिस फॉर नेशनल स्टैटिस्टिक्स के अनुसार, यह वृद्धि इस बात का संकेत है कि देश की आर्थिक स्थिति गंभीर है और उपभोक्ता विश्वास भी गिर रहा है।
ब्रिटेन की सत्ताधारी लेबर पार्टी ने कंजर्वेटिव पार्टी पर आरोप लगाया है कि उन्होंने देश को ऐसी आर्थिक स्थिति में छोड़ दिया है कि अब सरकार को कठोर निर्णय लेने की आवश्यकता पड़ सकती है। संभावित रूप से, ब्रिटेन की सरकार 30 अक्टूबर को बजट पेश करते समय टैक्स में वृद्धि और वेलफेयर बेनिफिट्स में कटौती कर सकती है। लेबर पार्टी के मुख्य सचिव डैरेन जोन्स ने कहा कि ये आंकड़े कंजर्वेटिव सरकार द्वारा छोड़ी गई चुनौतीपूर्ण स्थिति को दर्शाते हैं।