
ढाका। बांग्लादेश की राजधानी ढाका एक बार फिर हिंसा की आग में झुलस रही है। शुक्रवार रात से ही देशभर में प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस सरकार के खिलाफ़ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन उग्र रूप ले चुके हैं। राजधानी में अब तक पांच धमाके हो चुके हैं और 17 बसों को प्रदर्शनकारियों ने आग के हवाले कर दिया है। पूरे शहर में तनावपूर्ण माहौल है और सुरक्षाबल सड़कों पर तैनात हैं। सूत्रों के अनुसार यूनुस सरकार के खिलाफ़ यह विरोध आर्थिक नीतियों, बेरोजगारी और कथित तानाशाही रवैये को लेकर भड़का है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार भ्रष्टाचार और महंगाई पर अंकुश लगाने में पूरी तरह नाकाम रही है। भीड़ ने देर रात कई सरकारी इमारतों और बस डिपो में तोड़फोड़ की, जिससे शहर में अफरा-तफरी मच गई।
ढाका पुलिस के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए आंसू गैस और रबर बुलेट्स का इस्तेमाल करना पड़ा। हालात काबू में लाने के लिए कई जिलों में कर्फ्यू जैसी पाबंदियाँ लागू की गई हैं। वहीं, विपक्षी दलों ने इसे “जनता की आवाज़” बताते हुए सरकार से तुरंत इस्तीफा मांग लिया है। अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों का कहना है कि अगर यह अस्थिरता जारी रही, तो बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था और क्षेत्रीय सुरक्षा दोनों पर गंभीर असर पड़ सकता है। भारत समेत पड़ोसी देशों ने भी स्थिति पर करीबी नज़र रखनी शुरू कर दी है।



