
शासकीय कार्यालयों में जो हो जाए वह काम है, भ्रष्टाचार में घोटाले के नए नए तरीके ईजाद किए जा रहे हैं । पीएम आवास योजना में अब कुत्तों को आवास मिलने लगे हैं। वैसे देश में 5 प्रतिशत आबादी पक्के मकान के लिए रही है। । भाभी हाल ही में एक मामला बिहार में सामने आया है जहां पर एक कुत्ते के नाम पर आवासीय प्रमाण पत्र बना दिया गया
कुत्ते का नाम टॉमी कुमार पिता का नाम शेरू लाल लिखा हुआ है कुत्ते का पता: बिहार के एक पंचायत क्षेत्र में दर्ज प्रमाण पत्र में एक कुत्ते की असली तस्वीर लगी हुई है, जो किसी पालतू नस्ल का लगता है।
कैसे हुआ खुलासा?
सोशल मीडिया पर एक वायरल फोटो के जरिए यह मामला सामने आया। प्रमाण पत्र पर सभी आधिकारिक मुहरें और हस्ताक्षर मौजूद हैं, जिससे प्रतीत होता है कि इसे बाकायदा पंचायत कार्यालय द्वारा जारी किया गया है। जैसे ही यह प्रमाण पत्र वायरल हुआ, स्थानीय प्रशासन सकते में आ गया और जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
यह लापरवाही या मज़ाक?
प्रारंभिक जांच में शक है कि यह किसी व्यक्ति ने प्रणाली की खामियों को उजागर करने के लिए जानबूझकर आवेदन किया होगा, और अधिकारियों ने बिना सत्यापन इसे स्वीकृत कर दिया। यह घटना प्रशासनिक पारदर्शिता और जवाबदेही पर गंभीर सवाल खड़े करती है।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया:
लोग मजाकिया अंदाज़ में कमेंट कर रहे हैं कि अब टॉमी को भी राशन कार्ड, वोटर आईडी और आधार कार्ड मिल जाएगा!
वहीं कुछ यूज़र्स प्रशासन को कड़ी आलोचना का निशाना बना रहे हैं कि बिना जाँच के कोई भी दस्तावेज कैसे बन सकते हैं?




