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किशोर न्याय बोर्ड के अधिवक्ताओं के लिए कार्यशाला आयोजित

भोपाल। मुख्य न्यायाधिपिति, मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार एवं अमिताभ मिश्र, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के मार्गदर्शन में शनिवार को जिला न्यायालय के सभाकक्ष में किशोर न्याय बालकों की देख-रेख और संरक्षण अधिनियम, 2015 के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए किशोर न्याय बोर्ड के अधिवक्ताओं के लिए जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।

          कार्यशाला का शुभारंभ  अमिताभ मिश्र, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजश्री श्रीवास्तव, विशेष न्यायाधीश तथा जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश  रमेश कुमार मुराली लाल भगवती, मनोज सिंह,  अरविन्द कुमार शर्मा, आरती शर्मा सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अतुल सक्सेना एवं  अरूण सिंह, मुख्य न्यायायिक मजिस्ट्रेट ने माँ सरस्वती की मूर्ति पर दीप प्रज्जवलन कर किया।

                कार्यशाला में प्रारंभिक आर्शीवाद उद्बोधन देते हुए अमिताभ मिश्र, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा कार्यशाला में उपस्थित न्यायाधीशगण, अधिवक्तागण को संबोधित करते हुए कहा कि हमें बच्चों के प्रति जागरूक होने की जरूरत है, जिस प्रकार कैलाश सत्यार्थी ने बच्चों के हितों के लिए लड़ाई लड़ी उसी भावना से सभी को कार्य करना होगा। निश्चित ही इस प्रकार की कार्यशालाओं से सभी को कानूनों की विस्तृत जानकारी मिलेगी।

आरती शर्मा ने कार्यशाला का संचालन करते हुए व्यक्त किया कि इस प्रकार की कार्यशालाएं निश्चित ही अधिनियम की धारणा के अनुरूप कार्य करने में नवीन आयाम स्थापित करेंगी। हम सब की यही धारणा है कि बालकों को अपराधों से दूर रखा जाए।

          तृतीय जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश अरविन्द शर्मा ने अपने उद्बोधन में किसी आपचारी बालक के संबंध में अधिनियम में उम्र के निर्धारण के संबंध में, निहित प्रावधानों के संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए माननीय सर्वोच्च न्यायालय एवं उच्च न्यायालयों के विभिन्न न्यायदृष्टांतों का विस्तृत वर्णन किया तथा विचारण के दौरान न्यायालयों में प्रस्तुत की जाने वाली साक्ष्य के संबंध में भी विस्तृत जानकारी दी।

            प्रधान मजिस्ट्रेट किशोर न्याय बोर्ड सुश्री श्रुति जैन ने अपने उद्बोधन में उपस्थित अधिवक्तागण को किशोर न्याय बालकों की देखरेख और संरक्षण अधिनियम, 2015 के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बालकों के द्वारा किए गए अपराधों की श्रेणियों, उम्र के निर्धारण के प्रावधानों तथा बालकों के लिए विभिन्न कानूनों के संबंध में न्यायालय में की जाने वाली कार्यवाही से अवगत कराया। कार्यक्रम के अंत में श्री अभय सिंह, जिला विधिक सहायता अधिकारी ने उपस्थित सभी अधिवक्ताओं एवं मार्गदर्शक वक्ताओं माननीय न्यायाधीशगण को धन्यवाद प्रेषित किया।

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