दुनिया का सबसे बड़ा शिवलिंग सहस्रलिंगम: तमिलनाडु से बिहार की ऐतिहासिक यात्रा शुरू

महाबलीपुरम से पूर्वी चंपारण तक 25 दिन की यात्रा, विराट रामायण मंदिर में होगा प्रतिष्ठापित

तमिलनाडु । दुनिया का सबसे बड़ा शिवलिंग अब अपने नए घर की ओर रवाना हो चुका है। खंभे जैसी आकृति में दिख रही यह विशाल संरचना वास्तव में सहस्रलिंगम है, जिसकी ऊंचाई 33 फीट और वजन करीब 210 टन बताया जा रहा है। इसे वर्तमान समय का सबसे बड़ा शिवलिंग माना जा रहा है, जो धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। तमिलनाडु के महाबलीपुरम में काले ग्रेनाइट पत्थर के एक ही विशाल ब्लॉक से इसे दस वर्षों से अधिक समय में तराशा गया है। शिल्पकारों की महीन नक्काशी और दक्षिण भारतीय शिल्प परंपरा का अनूठा संगम इस सहस्रलिंगम को विशेष बनाता है। यह कृति भारतीय पुरातन शिल्पकला की भव्यता को नए युग में स्थापित कर रही है।

अब यह विशाल शिवलिंग 96 पहियों वाले विशेष हाइड्रोलिक ट्रक पर लादकर लगभग 20–25 दिनों की यात्रा पर निकल चुका है। इस दौरान इसे कई राज्यों से गुज़रना होगा, जिसके लिए सुरक्षा और यातायात व्यवस्थाओं को भी विशेष रूप से तैयार किया गया है। पूर्वी चंपारण, बिहार में बनने जा रहे “विराट रामायण मंदिर” में सहस्रलिंगम को मुख्य केंद्र के रूप में स्थापित किया जाएगा। यह मंदिर दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर बनने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। सहस्रलिंगम की स्थापना से इस मंदिर का धार्मिक महत्व और भी बढ़ने जा रहा है, जिससे लाखों श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बनने की संभावना है। इस भव्य शिवलिंग की यात्रा और स्थापना को लेकर पूरे देश में उत्साह का वातावरण है, और इसे भारतीय आस्था, शिल्पकला व संस्कृति की एक अनोखी मिसाल माना जा रहा है।

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